वैश्विक व्यापार युद्ध: टैरिफ से तबाही या तरक्की?
दुनिया के अमीरों पर हमला हो गया है टेरिफ को लेकर व्यापार युद्ध ऐसा छिड़ा है कि इसमें बम बंदूक भले ना चल रहे हो लेकिन दुनिया भर के लोगों की जेब में धमाका होने लग गया है क्या ट्रंप ने अमेरिका और दुनिया भर में नोटबंदी कर दी है इस लेवल का काम ट्रंप से पहले दुनिया में एक ही शख्स ने किया है वह भी भारत के एकमात्र लोकल ग्लोबल लीडर ने अब वही काम अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप टेरिफ लगाकर ग्लोबल लेवल पर कर गए हैं आपको नोटबंदी याद होगी इसी तरह के तर्क दिए जा रहे थे कि अमीरों का काला धन मिट जाएगा गरीबों का घर धन से भर जाएगा हो क्या रहा है दुनिया में होगा क्या आपके जीवन में इस सवाल का जवाब किसके पास है कोई नहीं जानता लेकिन क्या आप वाकई अमीरों पर हमला होता हुआ देख रहे हैं उनके हाथ से निकलकर पूंजी उस 60 से 70% लोगों में बटने वाली है जो गरीब हैं या इस हंगामे के पीछे से अमीरों का दूसरे तरीके से नियंत्रण होने वाला है ट्रंप के वाणिज्य सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि स्टॉक मार्केट में 88% शेयर केवल 10% अमेरिकी के हाथ में हैं बाकी के 12% स्टॉक 40% लोगों के हाथ में बाकी लोगों का यानी 50% लोगों का स्टॉक मार्केट से कोई लेना देना नहीं तो क्या ट्रंप ने 50% अमेरिकी पर हमला बोल दिया है डू यू रिमेंबर इंडियास ओनली लोकल ग्लोबल लीडर स्टेटमेंट नोटबंदी के समय उन्होंने क्या कहा था यही कि नोटबंदी से अमीरों की नींद उड़ गई है जिनके घर में गद्दे में नोटों के बंडल है गंगा जी में फेंक रहे हैं देखिए समानता दोनों के विचारों में नोटबंदी के बाद क्या हुआ जो भारत गरीब था वो और गरीब हुआ गरीबों और नासमझ लोगों में ये दलील ठेल दी गई कि उनका कुछ नहीं बिगड़ रहा जो बिगड़ने वाला है पैसे वालों का बिगड़ेगा लेकिन नोटबंदी के बाद भारत में अमीर और अमीर होते चले गए हर साल का डाटा यही कहता है और गरीबों के लिए अवसरों के दरवाजे बंद होते चले गए क्या ट्रंप वाकई 50% अमेरिकी लोगों को अमीर बनाने जा रहे हैं शेयर बाजार में निवेश करने वाले 50% अमीरों पर हमला करके सोमवार 7 अप्रैल को जब जापान का मार्केट खुला तो वहां का सूचकांक निके खुलते ही 8% गिर गया जापान का ही टोपिक सूचकांक करीब 8.5% गिरा जापान के बाद ताइवान का सूचकांक ताई 10% के करीब गिर गया इतना ही हांगकांग का सूचकांक गिर गया चीन का शघाई सूचकांक 7% से ज्यादा गिरा सिंगापुर का सूचकांक स्टेट टाइम्स 5.5% गिर गया और दक्षिण कोरिया का सूचकांक कोस्पी करीब 4.5% ऑस्ट्रेलिया का सूचकांक एसएपी एएसx 2006% गिर गया कोई भी सूचकांक एक दिन में 5% से ज्यादा गिर जाए तो भयंकर माना जाता है
टैरिफ युद्ध: ट्रंप का वैश्विक धमाका
लेकिन यहां तो बाजार कहींटैरिफ युद्ध: ट्रंप का वैश्विक धमाका छ तो कहीं सात तो कहीं 10% गिरने लगा ट्रिलियन ट्रिलियन ट्रिन ट्रिन हो गया मतलब हर मार्केट में लाखों करोड़ रुपए हवा हो गए ऑस्ट्रेलिया के शेयर मार्केट में 160 अरब डॉलर हवा हो गए आई मीन स्वाहा हो गए हवा एंड स्वाहा आर बोथ डिफरेंट थिंग्स यूरोप के बाजारों में भी भारी गिरावट आई जर्मनी इंडेक्स डीएस और फ्रांस इंडेक्स सीएसी 6% से ज्यादा गिर गया जबकि ब्रिटेन की इंडेक्स एफटीएससी 5% के करीब गिरा है कोविड के समय जब दुनिया बंद हो गई उस समय के बराबर बाजार गिर गया ऐसा बता रहे हैं एक तरह से ट्रंप ने मार्केट में कोरोना फैला दिया है 2 से 3% की गिरावट ही बाजार में अफरातफरी मचा देती है यहां तो पांच तो कहीं सात कहीं 10% गिरने लगा है ट्रंप की टेरिफ नीति के कारण आशंका थी कि बाजार में गिरावट आएगी लेकिन बाजार इतना गिरने लग जाएगा कि अर्थव्यवस्था खतरे में पड़ जाएगी यह किसने सोचा था अमेरिका में लोग 1987 की याद कर रहे हैं जब एक दिन में 22% मार्केट गिर गया था ब्लैक मंडे कहा जाता है तब लोगों ने भांप लिया था कि 1987 के पहले 7 महीनों में अमेरिका का dubऊ joss इंडस्ट्रियल एवरेज 44% बढ़ गया था जरूर बुलबुला होगा इसके पीछे मार्केट इतना कभी नहीं बढ़ता वो बात आखिर सच साबित हुई और अगस्त 1987 में एक ही सत्र में dubऊ joss 22.6% गिर गया भारत का बाजार तो ऐसे ही गिरता जा रहा है जैसे इसने अमेरिका से आया म्टविस्टी गटक लिया हो 7 अप्रैल सोमवार को बाजार खुला तो खुलते ही सेंसेक्स 39 अंक नीचे गिर गया जबकि निफ़ी 1000 अंक नीचे खुला निफ़ी मेटल के शेयरों के दाम 10% से ज्यादा गिरे कहा गया कि ट्रंप की टेरिफ नीति के कारण ऐसा हुआ है कुल मिलाकर 5 मिनट में ही भारत के बाजार से निवेशकों के 19 लाख करोड़ उड़ गए निफ्टी खुलते ही 22,000 के नीचे चला आया सेंसेक्स 73,000 के नीचे आ गया सितंबर 2024 में अपने इतिहास के सबसे उच्चतम स्तर पर चला गया था जब 86,000 के पास गया 6 महीने में सेंसेक्स 13,000 अंक नीचे आ गया है सेंसेक्स और निफ्टी में पूरे दिन गिरावट का माहौल बना रहा सुबह 10:00 बजे तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड हो रहे करीब 2668 शेयरों में से 2534 शेयर नेगेटिव में चल रहे थे जबकि सिर्फ 96 शेयर में पॉजिटिव असर देखने को मिल रहा था वैसे सेंसेक्स सुबह 3900 अंक नीचे चला गया था लेकिन करीब 1600 अंकों के साथ सुधार भी करता है 73137 पर बंद हुआ NFT 50 ने भी सुधार कर लिया सुबह 10:15 तक NFT 50 के 20 कंपनी के स्टॉक्स 5% से ज्यादा नीचे चल रहे थे सबसे ज्यादा गिरावट फैशन और सौंदर्य सामग्री बनाने वाली कंपनी ट्रेंड के शेयरों में देखी गई ट्रेंड के स्टॉक्स 17% से ज्यादा गिर गए 5 अप्रैल को यह स्टॉक ₹5,562 पर बंद हुआ था 7 अप्रैल को करीब 5000 पर ये स्टॉक खुला देखते-देखते 10:20 तक 4488 पर आ गया निफ्ट्टी 50 के एक भी स्टॉक पॉजिटिव में नहीं दिखे इससे आप तो अंदाजा लगा ही सकते हैं कि आज मार्केट पर किस तरह का असर पड़ा।
क्या अमीरों पर वाकई हमला हुआ है?
बड़ी कंपनियां कैसे प्रभावित हुई हैं गणित का वह सवाल याद है ना याद कीजिए वही हाल शेयर बाजार का है सवाल दोहरा देता हूं एक 80 मीटर ऊंचे गोल खंभे पर एक बंदर 1 मिनट में 5 मीटर चढ़ता है परंतु दूसरे मिनट में वह 2 मीटर नीचे फिसल जाता है पता लगाइए कि खंभे के ऊपरी सिरे पर पहुंचने में उसे कितना समय लगेगा अगर शेयर बाजार का हल नहीं जानते तो आप इस सवाल को हल करते रहिए पैसा भले वापस ना आए बंदर पकड़ते रहिए सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने राष्ट्र को संबोधित किया है अपने देश के नागरिकों को बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसलों का क्या असर पड़ने वाला है उन्होंने ट्रंप के फैसले को मनमाना और खतरनाक बताया उन्होंने एक काम की बात कही कि अमेरिका जैसी ताकतों ने ऐसी ग्लोबल व्यवस्था बनाई जिसमें बहुत सारी खामियां थी लेकिन जिस अमेरिका ने अपने लिए जो सिस्टम बनाया अब उसी को खुद ही ध्वस्त कर रहा है प्रधानमंत्री लॉरेंस ने कहा कि मेरे साथी सिंगापुरियों दुनिया बदल रही है इससे सिंगापुर जैसी छोटी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा सब इनके बारे में पूछ रहे हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं बोल रहे कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा सिंगापुर के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि दुनिया ने ऐसा आखिरी बार 1930 में देखा जब व्यापार युद्ध के चलते दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया भारत के प्रधानमंत्री क्यों नहीं कुछ बोल रहे 10 साल लगाकर खुद को ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित करते रहे और इतनी बड़ी ग्लोबल घटना पर एक शब्द नहीं विश्व में व्यापार युद्ध छिड़ा है और सैनिक परिधान धारण कर युद्ध विमान की सैर करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगता है इन सब से टाटा बाय-ब कर चुके हैं उनका यह थम्स अप बता रहा है कि तुम लोग अपना-अपना संभालो मैं उड़ने चला ग्लोबल इंस्टीटश आर गेटिंग वीकर इंटरनेशनल नॉर्म्स आर इडिंग मोर एंड मोर कंट्रीज विल एक्ट बेस्ड ऑन नैरो सेल्फ इंटरेस्ट एंड यूज़ फोर्स और प्रेजर टू गेट देर वे दिस इज द हारश रियलिटी ऑफ़ आवर वर्ल्ड टुडे वी विल स्टे विजिलेंट वी विल बिल्ड अप आवर कैपेबिलिटीज वी विल स्ट्रेंथन आवर नेटवर्क ऑफ पार्टनरशिप्स वि लाइक माइंडेड कंट्रीज वी आर मोर रेडी दे मेनी अदर कंट्रीज आवर रिजर्व्स आवर कोशन एंड आवर रिजर्व बट वी मस्ट ब्रेस आवरसेल्व्स फॉर मोर शक्स टू कम द ग्लोबल एंड स्टेबिलिटी वी व्स न्यू विल नॉट रिटर्न एनी टाइम सून वी कैन नॉट एक्सपेक्ट दैट द रूल्स व्हिच प्रोटेक्टेड स्मॉल स्टेट्स विल स्टिल होल्ड आई एम शेयरिंग दिस विन ऑल बी मेंटली प्रिपयर्ड सो दैट वी विल नॉट बी कट ऑफ गड लेट अस नॉट बी ला इनू कंप्लेश द रिस्क आर रियल एंड द स्टेक्स आर हाई सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने क्यों संबोधित किया इसलिए किया कि उनके देश के नागरिक मानसिक रूप से तैयार हो सके कि ट्रंप के कारण क्या होने जा रहा है और इसका असर लंबे समय तक रहेगा
शेयर बाजार की तबाही: आंकड़ों की जुबानी
ट्रंप ने दुनिया का नक्शा बदल दिया है इसका लाभ अमेरिका को कितना मिलेगा चीन को कितना कौन जानता है चीन के राष्ट्रपति कहते हैं चीन ही दुनिया का भविष्य है चीन के साथ व्यापार कीजिए चीन में निवेश कीजिए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा है कि अमेरिका ने जो टेरिफ लगाया है उसका मुकाबला करने के लिए आशियान देशों के 10 सदस्यों को मिलकर कुछ करना चाहिए जब मिलकर कहेंगे तो आवाज सुनी जाएगी कि ट्रंप के टेरिफ का सबसे बुरा असर दक्षिण एशियाई देशों पर पड़ने वाला है अगर आसियान देशों ने जवाबी टेरिफ लगा दिया तब भारत पर चारों तरफ से नकारात्मक असर पड़ सकता है ट्रंप ने हर देश पर न्यूनतम 10% टेरिफ लगाया है लेकिन 60 से अधिक ऐसे देश हैं जिन पर 10% से अधिक टेरिफ लगाया है तो कितना कुछ है बोलने के लिए हर कोई बोल रहा है सबसे अच्छे भारत के प्रधानमंत्री हैं उन्होंने कुछ कहा ही नहीं तो ट्रंप के टेरिफ पर क्या बोलना है इसे लिखने और रिसर्च करने की कोई जरूरत नहीं इस दौरान वे थाईलैंड गए श्रीलंका गए क्या आपने टेरिफ पर उनका कोई भी बयान सुना होता तो सारे अखबारों में यह पहली हेडलाइन होती बिहार का चुनाव कुछ ही महीने दूर है वरना मुसलमानों पर तरह-तरह का भाषण अभी तक शुरू हो गया होता प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ फोटो ट्वीट किए हैं आप भी इसे देखकर निहाल हो जाइए 1996 में विश्व कप जीतने वाली श्रीलंका की टीम के साथ अभी फोटो खिंने का कोई तुक समझ में आता है तो मुझे भी बताइए इधर जयसूरिया की तरह ट्रंप पर लगाए जा रहे हैं और भारत के प्रधानमंत्री 29 साल पहले क्रिकेट के विश्व विजेता टीम के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं कौन इन सबके पीछे इतनी मेहनत कर रहा है और इससे क्या रिजल्ट आने वाला है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं इस समय भारत का कोई भी मंत्री आपदा में अवसर की बात नहीं कर रहा सोमवार का सूरज जैसे-जैसे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में निकलता जा रहा था पूरब से पश्चिम की ओर बढ़ता जा रहा था शेयर बाजारों में गिरावट से दहशत फैलती जा रही थी प्रतिशत और लाखों करोड़ का तो हिसाब ही नहीं रहा ठीक है सब कह रहे हैं हमारा क्या है अमीर लोगों का पैसा मिट्टी में मिल रहा है लेकिन यह बात पूरी तरह से ठीक नहीं बहुत से निवेशक ऐसे हैं जो पैसा कमाने के मकसद से शेयर बाजार में गए उन्हें धकेला गया उनसे कहा गया कि जाइए क्योंकि बैंकों में ब्याज नहीं मिल रहा इस गिरावट में आम लोगों का पैसा भी डूबता जा रहा है यह बात कि इस तूफान में केवल भारत के 205 बिलियनेियर खरबपति ही प्रभावित है
भारत की चुप्पी: ग्लोबल तूफान में मौन नेतृत्व
पूरी तरह सच नहीं भारत में 18 करोड़ से अधिक डीमेट खाते हैं 2024 में 4.5 करोड़ से ज्यादा डीमेट खाते खुले हैं हर महीने 38 लाख लोगों ने डीमेट खाते खोले 2023 से तुलना कीजिए तो 2024 में 33% अधिक खाते खोले गए ये 18 करोड़ डीमेट खाते केवल टाटा एंड अंबानी के नहीं है उनके भी हैं जो आपके कस्बे में रहते हैं पढ़ाते हैं छोटा-मोटा कारोबार करते हैं और कुछ ढंग की भी नौकरी करते हैं इसलिए इस गिरावट में यह सुख नहीं लूटा जा सकता कि नोटबंदी में केवल अमीर बर्बाद हो रहा है गरीब मस्त है नोटबंदी में भी आम लोग बर्बाद हुए और इस तूफान में भी आम लोग भी बर्बाद हो रहे हैं भारत का बाजार 6 महीने से गिरता जा रहा है लेकिन सोमवार को जिस तरह से गिरा उसके आगे सर मुंडाते ही आसमान से गिरने वाले ओले भी सहम जाएं ओले भी स्लो मोशन में गिरने लग जाएं लेकिन जिस ट्रंप के लिए भारत के लोगों ने हवन किया उस ट्रंप ने उनकी पूंजी को हवन कुंड में झोंक दिया है स्वाहा स्वाहा हो रहा है शांति शांति कब होगी महीना चैत का है एक चैती गाने का मन कर रहा है यही ठया मोतिया हराई गले रामा कहवा मैं ढूंढूं अमीर बनाने के सपने का मोती भारत में खो गया भारत की जवानी मजारों की गेट पर झंडा लेकर नाच रही है या किसी मस्जिद के आगे इन्हीं जवान उन्मादियों के दम पर हिंदू राष्ट्र का सपना साकार किया जा रहा है और राष्ट्र का मोती खोता जा रहा है यह सीमा पर लड़ने वाली जवानी नहीं मुसलमानों के मोहल्ले में जाकर झगड़े के लिए उकसाने वाली जवानी है लेकिन ट्रंप को भरोसा है कि उनकी टेरिफ नीति से अमेरिका में डॉलर की बहार आ जाएगी उनके चेले चपाटी मंत्री कह रहे हैं फैक्ट्रियां ही फैक्ट्रियां खुल जाएंगी जो टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में खोली गई थी और जब अमेरिका में खुलेंगी तो उनमें हजारों हजारों लोगों को काम मिलेगा लेकिन जिस तरह से शेयर बाजार गिर रहे हैं उससे नहीं लगता कि नौकरियों की बाढ़ आने वाली है ट्रंप ने बियर पर टेरिफ लगा दिया है इससे यूरोप में 1 लाख नौकरियां जाने का अंदेशा है फाइनेंसियल टाइम्स ने लिखा है कि बियर पर 25% टेरिफ लगा देने से बियर महंगा हो जाएगा मांग घट जाएगी उत्पादन कम होगा तो ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं रहेगी इसी तरह अमेरिका कॉफी का भी भारी आयात करता है कॉफी का उत्पादन वहां नहीं होता लेकिन खपत काफी होती है अब वहां कॉफी महंगी हो जाएगी तो लोग कम पीने लग जाएंगे इससे क्या होगा कि कॉफी के उत्पादन पर असर पड़ेगा उन देशों में जहां इसका किया जाता है ट्रंप और उनके समर्थक कह रहे हैं कि शेयर बाजार में जो गिरावट है उससे प्रभावित होने की कोई जरूरत नहीं यह छोटे समय के लिए है लेकिन उनके समर्थक भी तो इसी शेयर बाजार में निवेश करते हैं क्या वे इस घाटे को ट्रंप के सपने के लिए सहन कर पाएंगे ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि वो जो कर रहे हैं उन्हें ठीक-ठीक पता है कि क्या कर रहे हैं हो सकता है कि उनके आलोचक वही लोग हो जो नव उदारवादी गिरोह के सरगना हो लेकिन क्या इसका जवाब केवल इसी में है
सिंगापुर से सबक: मानसिक तैयारी बनाम राजनीतिक चुप्पी
क्या ट्रंप आर्थिक बाजार में कोई नई लोकतांत्रिक दुनिया बना रहे हैं जहां किसी तरह का सरगना या गिरोह राज नहीं करेगा इस वक्त यकीन करना मुश्किल हो रहा है 1987 में ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक विज्ञापन निकाला तब वे मात्र कारोबारी थे और राजनीति से कोसों दूर करीब $1 लाख दिया उस विज्ञापन के लिए जिसमें ट्रंप ने कहा कि वैश्वीकरण से अमेरिका को कोई फायदा नहीं हुआ इससे जापान का व्यापार लाभ बढ़ गया सहयोगियों को सैन्य मदद की लागत बढ़ गई और डॉलर मजबूत होने से मैन्युफैक्चरिंग बैठ गया इसे ठीक करने का रास्ता यही है कि अमेरिका अपना व्यापार घाटा खत्म करें टैक्स खत्म करें और अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ने दे ट्रंप आज तक इस विचार पर कायम है और वही कर रहे हैं फाइनेंसियल टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जनरल में 1987 के उनके विज्ञापनों को याद कर बताया गया है कि ट्रंप लंबे समय से यही सोचते आ रहे हैं और इसी के हिसाब से फैसले ले रहे हैं कमाल की बात है जब उदारीकरण आ रहा था तब दुनिया भर में और खासकर भारत में अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे उन प्रदर्शनों में लोग अमेरिका का झंडा लपेट कर उसे दुनिया की खेती नौकरी निगलने वाला विलेन बता रहे थे लेकिन उसी अमेरिका का एक बड़ा बिजनेसमैन तब से कह रहा है कि अमेरिका को दरअसल वैश्वीकरण से घाटा हो गया और अब वही राष्ट्रपति बनकर वैश्वीकरण को खत्म कर रहे हैं वाइट हाउस उत्साहित है मार्च महीने में अमेरिका में 228,000 नौकरियां बढ़ गई क्या ये ट्रेड नीति के कारण है दुनिया में जो ट्रेड वॉर छिड़ा है उसका असर अभी नहीं देखा जा सकता मगर ट्रंप कहते हैं कि उनकी नीतियां नहीं बदलने वाली हैं ट्रंप और उनके समर्थक शेयर बाजार की इस तबाही से बिल्कुल नहीं हिल रहे जबकि अमेरिका भर में प्रदर्शन होने लगे हैं ट्रंप समर्थक इन प्रदर्शनों को प्रायोजित बता रहे हैं लेकिन क्या वाकई ट्रंप इस बात से बेखबर रहेंगे कि पूंजी डूबती जा रही है बाजार में उथल-पुथल अमेरिका के फायदे के लिए है ट्रंप दावा करते हैं कि वे इसी निचले तबके को काम और पैसा देकर अमेरिका को महान बनाना चाहते हैं लेकिन क्या उनका रास्ता सही है क्या दुनिया को तबाही में डालकर ट्रंप के सपनों का अमेरिका बन जाएगा दुनिया में केवल भारत के लोग हैं जो ट्रंप के सपनों का साकार होता देखने के लिए इंतजार कर सकते हैं क्योंकि दुनिया में केवल भारत के लोग हैं जो नोटबंदी के सपनों का आज तक साकार होने के लिए इंतजार कर रहे हैं वी इंडियंस आर वेटिंग वेटिंग एंड मीनवाइल डांसिंग इन फ्रंट ऑफ़ मज़ार्स एंड मस्जिद के सपना पूरा होगा यह हार्व लटनिक है ट्रंप के वाणिज्य सचिव लटनिक ने न्यूज़ के कार्यक्रम में कहा है कि iPhone बनाने में लाखों लोग केवल स्क्रू लगाने का काम करते हैं इस तरह का काम अमेरिका में आने वाला है यह अमेरिका के लिए शानदार होगा अमेरिका में फिर से मैकेनिक इलेक्ट्रिशियन को काम मिलेगा उनकी पूछ बढ़ जाएगी हमारे स्कूलों में पढ़े लिखे नौजवानों को काम मिलेगा दुनिया भर से हाईटेक फैक्ट्रियां अमेरिका आएंगी तो नौकरियों की बहार आ जाएगी हार्व लटनिक ने कहा है कि टेरिफ वापस लेने का कोई इरादा नहीं कोई बदलाव नहीं किया जाएगा
ट्रंप का सपना बनाम वैश्विक हकीकत
जबकि नेशनल इकोनमिक काउंसिल के निर्देशक केविन हसेट ने कहा है कि 50 से भी ज्यादा देश टेरिफ पर बातचीत के लिए वाइट हाउस फोन कर चुके हैं यह स्टीफन मिरेन हैं ट्रंप के काउंसिल ऑफ इकोनमिक एडवाइज़र्स के चेयरमैन 2024 में उन्होंने एक पेपर लिखा कि टेक्सटाइल जैसे सेक्टर में कम पैसे की नौकरियां मुमकिन नहीं लेकिन टेरिफ के कारण अमेरिका में हाई एंड की मैन्युफैक्चरिंग हो सकती है नौकरियां मिल सकती हैं स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि स्टॉक मार्केट का क्रैश कर जाना एक शॉर्ट टर्म रिएक्शन है मंदी की कोई उम्मीद नहीं स्टॉक मार्केट के क्रैश कर जाने पर जब मीडिया ने ट्रंप से सवाल पूछा तो ट्रंप ने कहा वे नहीं चाहते कि कोई भी चीज नीचे जाए लेकिन कभी-कभी कुछ चीजों को फिक्स करने के लिए दवा देनी पड़ती है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उदारीकरण के दौर में दुनिया के कई देशों में अमेरिकी उत्पादों की फैक्ट्रियां खुली हैं वहां पर लोगों को काम मिला है इससे अमेरिका के निचले तबके की हालत खराब हुई है iPhone की फैक्ट्रियां दुनिया भर से उठकर अमेरिका में चली जाएंगी तो भारत में iPhone की फैक्ट्री का क्या होगा वहां काम करने वाले हजारों लोगों का क्या होगा क्या इस पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कुछ बोलेंगे वेयर आर दी टू पीपीटी प्रेजेंटर्स इन्हीं के बयान है कि Apple भारत में 25% iPhone बनाएगा Apple ने पहले 7 महीनों में $ अरब डॉलर का iPhone भारत ने बनाया है इसमें से 7 बिलियन iPhone का निर्यात किया है 4 साल में Apple ने 2.5 लाख नौकरियां पैदा की हैं पिछले ही अगस्त में Apple कंपनी ने सरकार से कहा था कि 24-25 का वित्त वर्ष खत्म होते ही भारत में 6 लाख नौकरियां पैदा कर देंगे 2 लाख नौकरियां तो सीधे-सीधे दी जाएंगी अमेरिका 2.5 लाख नौकरियां बढ़ने का जश्न मना रहा है लेकिन भारत में 6 लाख नौकरियों पर क्या असर होगा मंत्री कुछ नहीं बोल रहे धड़ धड़ धर धड़ धरधड़ करके स्टॉक मार्केट गिरे ही जा रहा है कोविड जब 2020 में आया था उसके बाद आज मार्केट सबसे निचले स्तर पर खुला है देखते ही देखते 5 मिनट में 19 लाख करोड़ स्वाहा हो गए छोटे निवेशक बेचारे खड़े अपनी ये बर्बादी देख रहे हैं लेकिन लोगों को लपक लपक के स्टॉक खरीदने की टिप्स देने वाले मोदी और शाह आज खामोश क्यों है ये सिला दिया आपकी सो कॉल्ड दोस्ती का ट्रंप ने टेरिफ ठोक कर असलियत ये है कि जो विध्वंस अभी मार्केट्स में मच रहा है वो बर्बादी अभी हमारी इकॉनमी में हमारे रोजगार में होनी बाकी है हमारी कंपनियों में ये तबाही मचनी बाकी है लेकिन मोदी जी हमेशा की तरह मूकदर्शक बने रहेंगे ये अलग बात है कि उस टेरिफ के खिलाफ बाकी देशों ने चाहे वो इयू हो चाहे वो चीन हो चाहे वो जापान हो चाहे वो कनाडा हो ब्रिटेन हो स्पेन हो ब्राजील हो सब लोगों ने ऑस्ट्रेलिया हो सब लोगों ने इसका प्रतिकार किया है विरोध किया है लेकिन एक चू सुनाई नहीं दी है नरेंद्र मोदी या पीयूष गोयल के मुंह से ये इनका इकॉनमी को चलाने का तरीका है खैर अभी तो मार्केट की बर्बादी हो रही है धड़ धड़ धड़ करके मार्केट गिर रहा है रुकने का थमने का नाम नहीं ले रहा है जो स्टॉक खरीदने की टिप्स दे रहे थे वो भी आए जरा थोड़ा ज्ञान दें आज चीखते रहिए चिल्लाते रहिए भारत का शेयर बाजार डूब गया है आज नहीं 6 महीने से गिरता जा रहा है इसका असर नौकरियों पर पड़ेगा प्रधानमंत्री मोदी तब भी नहीं बोलेंगे कांग्रेस क्यों चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी बोले जब उनका काम संभल से लेकर वफ बिल से हो जा रहा है तो उन्हें पेट्रोल की कीमतों से लेकर टेरिफ पर क्यों बोलना चाहिए
भारत के आम निवेशक और नोटबंदी की पुनरावृत्ति
भारत पर क्या असर पड़ेगा आम का मौसम वैसे भी नजदीक है इस वक्त आम को लेकर उनसे इंटरव्यू होने चाहिए ना कि ट्रंप को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को छोड़िए लेट्स फोकस ऑन टी से ट्रंप एंड टी से ट्रेमर पर ट्रंप को लगता है अमेरिका को दोस्तों और दुश्मनों ने लूटा है ट्रंप दिखाना चाहते हैं कि वैश्वीकरण से अमेरिका पीड़ित हुआ है जबकि दूसरा मत है कि वैश्वीकरण से अमेरिका पहले से कहीं ज्यादा सफल देश बन सका फाइनेंसियल टाइम्स के सैम फ्लेमिंग एंड डेलफिन स्ट्रोस ने लिखा है कि ट्रंप के मन में 1950 के दशक का अमेरिका है जब अमेरिका समृद्ध हुआ करता था आम अमेरिकी अमीर दिखता था तब जर्मनी उतना अमीर नहीं हुआ था और चीन का उदय नहीं हुआ था लेकिन इन 75 सालों में दुनिया पूरी तरह से बदल गई है दुनिया एक ग्लोबल सिस्टम में रहती है ग्लोबल इकॉनमी में अमेरिका मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं रहा लोगों का भरोसा हिल गया कि पुराने रास्ते पर चलकर अमेरिका का भला हो सकता है ट्रंप का गुस्सा इन बातों से भरा हुआ है ग्लोबल दौर में विनविन की बात हुआ करती थी लेकिन ट्रंप को लगता है मोल भाव में बारगेनिंग में एक ही विजेता होता है दोनों साइड नहीं होते ट्रंप मानते हैं कि विजेता एक ही होता है इस समय जो व्यापार युद्ध छिड़ा है क्या इतनी जल्दी विजेता का फैसला हो जाएगा या ट्रंप के सपनों को साकार होने के लिए अमेरिका को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ेगा मौजूदा नव उदारवादी व्यवस्था में 100 खोट000 खोट इसे लेकर भ्रमित होने की कोई जरूरत नहीं इस व्यवस्था ने दुनिया की सारी पूंजी 10% लोगों के हाथ में समेट दी आर्थिक असमानता बढ़ती चली गई क्या ट्रंप वाकई 10% लोगों के इस गिरे को तोड़ देंगे ट्रंप ने दोस्त क्या दुश्मन क्या टेरिफ लगाने में किसी को नहीं छोड़ा हम नहीं जानते यह कितना लंबा चलेगा अमेरिका अमेरिका के लिए अच्छा होगा तो भारत के लिए कैसे अच्छा होगा उन लोगों पर क्या असर पड़ेगा जो करोड़ों रुपए का लोन लेकर अमेरिका पढ़ने गए हैं अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं करना चाहते हैं किसी को कुछ पता नहीं केवल हाई मार्केट हाई मार्केट हो रहा है 1930 की महामंदी की तरह आशंका जताई जा रही है 1930 की मंदी की आशंका कई बार जताई जा चुकी है जब ट्रंप नहीं थे तब भी क्या इस बार वाकई ऐसा हो जाएगा क्या टेरिफ के दबाव में आकर तमाम देश अमेरिका से रक्षा उपकरण खरीदने लग जाएंगे प्राकृतिक गैस खरीदने के लिए ट्रंप के दरबार का चक्कर लगाएंगे और जो अमेरिका कहेगा वही खरीदने लग जाएंगे ऐसा हो सकता है यह तो हो सकता है भारत के लोग कितनी खुशी से 95 से ₹100 लीटर पेट्रोल खरीद रहे थे आज से नहीं कई साल से आज जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम गिरा तो लोगों की खुशी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम ₹2 ₹2 और महंगे कर दिए पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया गया है गैस का सिलेंडर उज्जवला और आम उपभोक्ताओं के लिए भी ₹50 महंगा कर दिया गया है पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी कि 14 किलो का सिलेंडर अब ₹853 का होगा सीएनजी एक से ₹3 ज्यादा महंगा कर दिया गया है ₹ पर सिलेंडर फॉर उज्जवला एंड नॉन उज्ज्वला उज्जवला अगर 500 का मिलता है वह 550 का हो जाएगा दूसरा 803 का सो 853 का हो जाएगा कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा है कि वाह मोदी जी वाह मई 2014 के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत में 41% की गिरावट आई है पर आपकी लुटेरी सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम कम करने के बजाय ₹22 सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है टेरिफ नीति पर कुंभकर्णी नींद से शेयर बाजार में छोटे-छोटे निवेशकों का एक झटके में ₹1 लाख करोड़ स्वाहा होने से आपको चैन नहीं मिला होगा इसलिए आपकी सरकार जले पर नमक छिड़कने आ गई ट्रंप के कारण एक सप्ताह के भीतर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 10% की गिरावट आई है 7 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 3% गिरी 63.30 प्रति बैरल तब भी पेट्रोल का दाम नहीं कम हुआ उल्टा शेयर मार्केट में ओएनgसी से लेकर तेल कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई और भारत सरकार ने पेट्रोल महंगा कर दिया क्या आपने नोट किया है कि भारत के उद्योगपति भी नहीं बोल रहे उद्योगपतियों को अब मोदी मोदी करने के अलावा कुछ बोलना आता भी नहीं है कि आइन के हिसाब से दुनिया में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ या हो रहा है जिस पर बोलने की जरूरत है साध हो ये मुर्दों का गांव कबीर को याद कीजिए गाइए पीर मरे पैगंबर मरी हैं मरी है जिंदा जोगी राजा मरी है प्रजा मरी हैं मरी है बैद और रोगी इस भ्रम में मत रहिए कि ट्रंप के इस वार से केवल अमीर मरेंगे मरेंगे तो सब यह कहना कि नव उदारवाद के दौर में पैदा हुए अमीरों के गिरोह को ट्रंप नेस्तानाबूद कर देंगे यकीन के लायक नहीं दुनिया में अमीरों का कब किसने क्या बिगाड़ा फिलहाल ट्रंप के सामने कोई टिक नहीं पा रहा इस जंग में अकेला अमेरिका डूबेगा या सबको लेकर डूबेगा।