वक्फ अमेंडमेंट बिल

वक्फ अमेंडमेंट बिल: विरोध, विवाद और राजनीतिक हलचल

मुसलमानों से मस्जिदों को छीनना दरगाह को छीनना कब्रस्तान को छीनना अगर आप अंग्रेजों का रास्ता चुनना चाहते हैं तो समझ लीजिए कि आपका अंजाम भी वही होगा जो अंग्रेजों का अंजाम हुआ था देश के अंदर लोगों को चैन से नहीं रहने देना चाहते हैं वक बिल वापस लो वापस लो वापस लो व बोर्ड में गैर मुसलमानों को क्यों शामिल किया जा रहा है कि मस्जिद और मंदिर के नाम पर आवाम हमेशा लड़ते रहे हमारे घरों पर बुलडोजर चल रहे मस्जिदों और मदरसों में बुलडोजर चल रहे और अब यह वक्फ एक्ट के जरिए से भारत के दस्तूर पर संविधान पर बिल्डोजर चलाया जा रहा है सिर्फ समाज में द्वेष फैलाना है इस कानून का विरोध करते हैं लेकिन इस बिल को हम लोग अपना बस रहते कभी पास नहीं होने देंगे यह हम आपको यकीन और भरोसा दिलाते हैं बस न बहुत हो गया तो कुर्बानी देने के लिए हमें तैयार होना चाहिए आदाब नमस्कार रेड माइक में आपका स्वागत है  जंतर मंतर पर जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ अमेंडमेंट बिल के विरोध में एक रैली रखी है 


वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध और राजनीतिक बयान

 उस रैली में अपोजिशन के विपक्ष के तमाम सांसदों को नवता दिया अब उस नवता में तमाम सांसद पहुंचे भी चाहे वह डेप्युटी लीडर हो कांग्रेस के लोकसभा में गौरव गोई असादुद्दीन ओवैसी हो समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव हो कांग्रेस के इमरान मसूद हो टीएमसी के सांसद हो डीएमके के केरला के तमाम सीपीआईएम के नेता हो ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड के मदनी हो सब मौजूद रहे इनका कहना है कि वक्फ अमेंडमेंट बिल जो लाया गया है वह मुस्लिम्स के खिलाफ है उनकी जमीनों को कब्जा करने की एक साजिश है और सरकार चाहती है कि रक्षा और रेलवे के बास सबसे ज्यादा जमीन वफ के पास है और धीरे-धीरे उस पर कब्जा कर लिया जाए कुछ चीजों को लेकर के विरोध है हम यह भी बताएंगे कि इस प्रोटेस्ट में किसने क्या कहा किस नेता ने क्या कहा पहले तीन बातें बता देते हैं जिसमें कहा जा रहा है कि वह बहुत ज्यादा नामंजूर है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को पहला कि एक वक्फ काउंसिल होता है सेंटर में और हर राज्य में वक्फ बोर्ड होता है अगर किसी जमीन को लेकर विवाद होता है तो वक्फ बोर्ड उसका आखरी फैसला करता है लेकिन इस अमेंडमेंट बिल में आखरी फैसला करेगा डीएम मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड का कहना है कि डीएम वही करेगा जो सरकार कहेगी उसके अलावा एक और संशोधन है जिसको लेकर के बहुत विरोध है वह है कि हर वक्फ बोर्ड में दो नॉन मुस्लिम होंगे उस पर यह कहना है कि जो हिंदुओं के मंदिर हैं उनकी कमेटी है या गुरुद्वारा कमेटी हैं उसमें गैर मुसल गैर हिंदू नहीं हो सकते या गैर सिख नहीं हो सकते तो वक्त बोर्ड में गैर मुसलमानों को क्यों शामिल किया जा रहा है ऐसी तमाम बातें हैं जिसको लेकर के विरोध है यहां पर आप आपको नजर आएगा भारत के झंडे लिए यह तख्तियां लिए तमाम लोग पहुंचे हुए हैं जो विरोध कर रहे हैं यह भी कहा जा रहा है कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में यह मामला गया तो उसमें जो विरोध किया गया 

विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन 

जिन मुख्य मुद्दों पर विरोध दर्ज कराया अपोजिशन के सांसदों ने उनको एक्सेप्ट नहीं किया गया उनको उसमें इंक्लूड नहीं किया गया और वापस से बिल संसद के पटल पर रख दिया गया है तो यह भी कहा गया कि अब यह शुरुआत है संसद में प्रदर्शन होगा सड़कों पर ही प्रदर्शन किया जाएगा तो नेताओं ने क्या कुछ कहा जनतर मंतर के प्रोटेस्ट में आइए सुनते हैं मैं सिर्फ आपके सामने यह अर्ज करना चाह रहा हूं के नरेंद्र मोदी की हुकूमत वफ बिल को लाकर कानून बनाने की जो कोशिशें कर रही है उनका मकसद एक ही है कि इस मुल्क में अमन को खराब किया जाए वजीर आजम का मकसद एक ही है कि मस्जिद और मंदिर के नाम पर आवाम हमेशा लड़ते रहे और उस बिल का मकसद यह नहीं है कि वक्त की जायदाद को मजबूत किया जाए या उनकी हिफाजत की जाए आप खुद अंदाजा लगाइए कि हिंदू धर्म के एक बहुत बड़े जूरिस्ट है बी के मुखर्जी की किताब में लिखा गया कि हिंदू धर्म में बाय कस्टम बाय यूसेज वह मंदिर की जायदाद बन सकती है तो नरेंद्र वफ के व यूजर को इस तरह से खत्म कर रहे हैं कि अगर कोई डिस्प्यूट होगा या गवर्नमेंट प्रॉपर्टी होगी तो वक्त बा यूजर नहीं रहेगा नरेंद्र मोदी आजकल भारत के हमारे फजीलत शेख बने हुए हैं और यह बता रहे हैं कि अगर कोई मुसलमान होता है तो उसको पा साल तक वह वफ को नहीं दे सकता है यह कहां से इनको मालूम हुआ कौन से फ की किताब में लिखा गया तो इनका मकसद एक ही है

वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण का आरोप


  भारत के मुसलमानों से उनकी सियासी और मजहबी शना को छीन लिया जाए मैं आपको बता रहा हूं कि इस बिल का मकसद मुसलमानों से मस्जिदों को छीनना दरगाह को छीनना कब्रस्तान को छीनना इक्यू प्रॉपर्टीज को छीन लेना यह मकसद नरेंद्र मोदी की हुकूमत का है और हम कॉशन कर रहे हैं चंद्रा बाबू नायडू को हमारे पासवान साहब को और नीतीश कुमार को याद रखिए दुनिया जब तक कायम रहेगी अगर आप इस वक्त नाजुक वक्त में इस बिल की ताई करेंगे तो आपको मुसलमान कभी नहीं माफ करेगा हमारा देश अगर चलेगा तो संविधान के अनुसार चलेगा हमारा देश अगर चलेगा तो भारत और हिंदुस्तान की वह पुरानी संस्कृति जिसमें हम अमन चैन और भाईचारा को तवज्जो देते हैं उस आदर्शों पर चलेगा और आज हम सब समाज में मिलजुलकर शांति में जीना चाहते हैं अमन के साथ भाईचारे के साथ सद्भावना के साथ जीना चाहते हैं हम सभी के धर्मों ने सिखाया है कि धर्म का अगर पालन करना है तो औरों के धर्म को भी सम्मान करना पड़ेगा यह है हमारी धर्म की सीख कि कोई भी इंसान हो अगर उसको एक अच्छा इंसान बनना है तो दूसरे के प्रति भी उसके मन में श्रद्धा और उसके मन में सम्मान होना चाहिए लेकिन आज इस पुरानी संस्कृति के विपरीत डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की दी हुई संविधान के विपरीत वर्तमान सरकार काम कर रही है जो उनका मन चाहे वह काम करना चाहते हैं एक लोकतांत्रिक समाज में समाज के साथ विचार होता है समाज के साथ विमर्श होता है लेकिन मुझे संदेह है कि जब यह सरकार यह कानून जब बना रही थी तो समाज के साथ उन्होंने विचार विमर्श नहीं किया बार-बार हम कमिटी से बाहर निकलकर देश को बताते थे मीडिया के द्वारा कि कमेटी के अंदर किस प्रकार से संविधान के साथ नाइंसाफी हो रही है पार्लियामेंट की मर्यादा के साथ नाइंसाफी हो रही है 

संसद से सड़क तक विरोध की रणनीति

पार्लियामेंट के नियमों के साथ नाइंसाफी हो रही है हमने बार-बार यह उठाया और इसीलिए इस कानून जिसका उद्देश्य सिर्फ समाज में द्वेष फैलाना है इस कानून का हम विरोध करते हैं तासुर य दिया जा रहा है कि यह मुसलमानों का मामला है हालांकि सच्चाई यह है कि यह मुसलमानों का मामला नहीं है सिर्फ मुसलमानों का तो है ही है लेकिन सिर्फ मुसलमानों का नहीं है बल्कि यह मुल्क के दस्तूर का मामला है इस मुल्क के दस्तूर साजों ने मॉडर्न इंडिया के जो आर्किटेक्ट थे उन्होंने जो खाका बनाया था इस मुल्क का उसको यह लोग तोड़ देना चाहते हैं तोड़ने की सिमत में चल रहे हमारे घर बुलडोजर चल रहे मस्जिदों और मदरसों में बुलडोजर चल रहे और अब यह व एक के जरिए से भारत के दस्तूर पर संविधान पर बुलडोजर चलाया जा रहा है चलाने की कोशिश हो रही है तो मैं इसकी मुखालिफत तो हर हाल में करनी है लेकिन आगे का लाय अमल क्या होगा आगे कैसे किया जाएगा इसको यह लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी तो जैसा कि सब लोगों ने कहा कि ये शुरुआत है तो जब किसी चीज की शुरुआत इतनी खूबसूरत हो तो उसका उसकी जवानी और उसका शबाब कितना खूबसूरत होगा मुझे हमारे सिख समाज के जिम्मेदार मैं उनको मुबारकबाद देना चाहता हूं यकीनन यह लड़ाई सब लोगों की है और अगर इस लड़ाई को अकेले अकेले लड़ा जाएगा तो हो सकता है थोड़ी दिन के लिए वह जीत जाए लेकिन एक बात का यकीन है मैं अपने मुसलमानों से और फिकर मंद सिटीजन से भारत के जो लोग चिंता में है कि भारत जा क्या कहां रहा है बनाया क्या जा रहा है यह जो मेज मेरिटोरियस हो रही है इसका बेहतरीन जवाब है जो इन्होंने कहा हैय अकलियत की अयतल है और हमें सिर्फ हमें नहीं जमा होना है बल्कि हमें अपने साथ और भी सबको जमा करना है एक बात यह है दूसरी बात यह है हर लड़ाई के लिए कुर्बानी की जरूरत होती है आप लड़ाई लड़ेंगे और आराम से बैठे काम नहीं होगा और जो बात उन्होंने कही इन्होंने कही कि बस नफ बहुत हो गया तो कुर्बानी देने के लिए हमें तैयार होना चाहिए मैं मेहमानों का वक्त नहीं लूंगा मैं तो अंदर का आदमी हूं मेहमान नहीं हूं बहुत सारे मेहमान यहां मौजूद हैं तो मैं एक शेर पर अपनी बात खत्म करना चाहता हूं यह आगे का अजम है हमारा थोड़ी तकलीफ रसन कलीम माजिद मरहूम ने कहा था थोड़ी तकलीफ रसन फिर थोड़ी सी तकलीफ दार रसन कहते हैं जेल को तो अब सिर्फ सड़क से काम नहीं चलेगा थोड़ी तकलीफ है रसन फिर थोड़ी सी तकलीफ दार उसके बाद है दोस्तों आराम ही आराम है 

बिल के खिलाफ एकजुटता और संघर्ष का संकल्प

आज के इस मौके पर मैं अपने नेता आदरणीय अखिलेश यादव जी और अपनी पार्टी समाजवादी पार्टी की की ओर से आप सभी को यकीन और विश्वास दिलाने आया हूं कि समाजवादी पार्टी आखिरी सास तक इस बिल के खिलाफत में लड़ेगी यह आपको यकीन और भरोसा और विश्वास दिलाना चाहता हूं बिल के इंट्रोडक्शन से लेके जेपीसी से लेके जहां-जहां तक यह बिल चला और जहां तक यह बिल जाएगा चाहे संसद में दोबारा आए चाहे न्यायालय तक जाना पड़े हर स्तर पर समाजवादी पार्टी आपके हर फैसले के साथ मजबूती से खड़ी है साथियों और आपको यकीन दिलाते हैं समाजवादी पार्टी को चाहे जितनी कुर्बानिया देनी पड़े हमारे नेता अखिलेश यादव जी को चाहे जितने भी झेलना पड़ेगा लेकिन इस बिल को हम लोग अपना बस रहते कभी पास नहीं होने देंगे यह हम आपको यकीन और भरोसा दिलाते हैं आप सबकी दुआओं से और आप सबकी मेहनत से समाजवादी पार्टी आज इस हैसियत में है आपकी कृपा से आपकी दुआओं से कि संसद को चैन से नहीं चलने देगी अगर संसद में जबरदस्ती भी लाएगा तो यह सरकार की नियत से आप सब वाकिफ हो यह सरकार किसी भी तरह से जो हमारे मुसलमान भाइयों के हमारे बुजुर्गों ने जो जमीने व की है चाहे इबादत गाह के लिए की हो चाहे शिक्षण संस्थानों के लिए की हो चाहे कब स्थानों के लिए की हो चाहे समाज के और तमाम जरूरतों के लिए की हो उनकी जो नियत थी बक करने की जमीन की उस नियत के खिलाफ जाकर सरकार जमीन कबजा करना चाहती है सरकार को पता है कि रेल और रक्षा के बाद अगर सबसे ज्यादा कहीं जमीने हैं तो हमारे व वोटों के पास है यह बीजेपी के लोग जो देश के अंदर नफरत फैला रहे हैं


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