डिजिटल ठगी से बचाव: क्या CNAP प्रणाली बनेगी संजीवनी?
हेलो सर 15 मिनट में लोन ले लीजिए हेलो मैम आरओ हेल्पलाइन से बोल रही हूं आरओ रिपेयर करा लीजिए हेलो सर आप कहीं वेकेशन पे जाना चाहते हैं तो हमारी स्कीम ले लीजिए फलाना कर लीजिए ढिमकाना कर लीजिए और अगर यह सब भी काफी ना हो तो डिजिटल अरेस्ट हो जाएगा इसके अलावा और कोई फ्रॉडिया और कुछ करने लगेगा आपको फेडेडक्स का पैकेज बेचने लगेंगे आपको यह बताया जाएगा कि आपके नाम से एक पार्सल विदेश जा रहा था उसमें ड्रग्स मिली है यह सारी चीज लोग फोन के इस्तेमाल से करते हैं अब यह फोन नंबर कैसे पता चले किसका है उसका एक ही एकमात्र माध्यम जो बहुत पॉपुलर है हिंदुस्तान में वो है ट्रू कॉलर ट्रू कॉलर्स की ट्रू कॉलर की अपनी दिक्कत है और उस दिक्कत के बारे में आगे बात करेंगे लेकिन अब एक ऐसी चीज होने जा रही है जिसके बाद किसी भी इंसान ने जिस नाम से सिम कार्ड लिया है वो नाम स्क्रीन पर लिखा हुआ आएगा क्या इससे फर्जी कॉल कम होंगी क्या इससे डिजिटल ठगी कम होगी यह है एक महत्वपूर्ण सवाल तो सबसे पहले आपको यह बोल दें कि स्पैम कॉल्स अब तक का नियम क्या होता था कोई भी फोन आ रहा है तो आपके फोन में अगर और खासतौर से स्मार्ट फोन जो पुराने वाले इतने से जो फोन होते हैं जिनको बर्नर फोन कहा जाता है छोटे फोन कीपड वाले फोन उसमें तो यह कोई प्रबंध है ही नहीं यह मुमकिन ही नहीं है लेकिन स्मार्ट फोंस में एक ऐप हम लोग यूज़ करने लगे हैं जिसका नाम है ट्रू कॉलर ट्रू कॉलर आपको एक जैसे कोई फोन करेगा नंबर आपके पास सेव नहीं है तो उसमें एक स्क्रीन बन के आ जाएगा कि ये सो एंड सो हो सकते हैं लेकिन ट्रू कॉलर क्या तकनीक इस्तेमाल करता है दो तरीके की तकनीक तकनीक नंबर वन कि लोगों ने आपका नंबर किस नाम से सेव किया हुआ है तो वो डिस्प्ले पर आएगा इसी के चलते अगर कोई फर्जी कॉल है और बहुत सारे लोगों ने उसको फर्जी या स्पैम बोला है तो ट्रू कॉलर उसको लाल रंग में आपको दिखाएगा कि ये स्पैम हो सकता है
Truecaller बनाम CNAP: कौन ज्यादा प्रभावी?
अब कई बार हो सकता है कि जरूरी कॉल्स को कोई आदमी अगर स्पैम लिख दे तो ट्रू कॉलर में इतनी अपनी खुद की अकल नहीं है कि वो खुद से कुछ फैसला ले वो लोगों के कहने पर ही जाएगा और दूसरा तरीका है दूसरी तकनीक ट्रू कॉलर की वो यह है कि आप अपना नाम क्या लिखना चाहते हैं तो फर्ज कीजिए अगर आपका नाम संजय है और आप उसमें सुनील लिख दें अपने आप से ही तो ट्रू कॉलर उसको सुनील ही मानेगा फिर और लोग कुछ और लिखेंगे तो उनके हिसाब से वो नाम पॉपुलर होगा तो यहां पर आप एक फंडामेंटल फ्लॉ देख रहे हैं और फ्लॉ ये है कि ट्रू कॉलर यूज़र्स द्वारा दी गई डेटा के हिसाब से अपना डेटाबेस बनाता है लोकप्रिय बहुत है क्योंकि बहुत बड़ा आराम इससे मिल गया है बहुत सारे लोगों को लेकिन यह फुल प्रूफ नहीं है इसी के चलते पिछली फरवरी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने एक चीज़ लागू करने को कही Airtel Jio Vodafone BSNL सबको और वो था सीnap सीएनएपी जिसका मतलब होता है कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन इसमें क्या होगा आइए आपको वह बताते हैं इस योजना के हिसाब से अब सारे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अगर फोन आए जैसे सपोज़ आपके पास किसी का फोन आ रहा है और वो नंबर आपने सेव नहीं किया हुआ तो ऐसे में सीnap स्कीम के चलते अब टेलीकॉम कंपनीज़ को यह बताना पड़ेगा कि यह नंबर इस इंसान का है और यह वो कैसे डिटेक्ट करेंगे जब आप कोई भी नया नंबर लेते हैं तो उसमें अपने आधार के साथ पैन के साथ फोटो ये सारी चीजें आप लिंक करते हैं और वहां पर अपना नाम लिखते हैं तो जो नाम आपने सिम लेते वक्त उस समय फॉर्म में डाला है अब वही नाम डिस्प्ले हो के स्क्रीन पर आएगा इस पूरी चीज को कहा जाता है
CNAP: आपका असली नाम दिखेगा, पहचान छुपाना होगा मुश्किल
सीnap सीएनएपी यानी कि कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन अब इसके लिए कंपनीज को कहा गया था पिछली फरवरी लेकिन कंपनीज ने थोड़ा सा समय लिया अब बहुत सारी कंपनीज़ का ये कहना है कि हम प्रयास कर रहे हैं एआई के माध्यम से तो हम स्पैम कॉल्स रोकने की कोशिश कर ही रहे हैं लेकिन हम ये स्कीम भी लागू करने जा रहे हैं अब इसके तहत होगा यह कि Jio Airtel Vodafone Idea ये सब वेंडरर्स से बात कर रहे हैं देखिए इसके लिए हार्डवेयर डिपट करना पड़ेगा ऐसे ही तो नाम आएगा नहीं यह नाम कैसे आएगा तो इसके लिए HP DEL EIXन Nokia इन सब कंपनीज़ को अप्रोच किया गया है सर्वर और सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के लिए ताकि इनके आधार पर अब वो नाम दिए जा सकें जो आपने रजिस्ट्रेशन फॉर्म में लिखे हैं इससे क्या होगा इससे आपको इस बात की श्योरिटी हो जाएगी कि यह जो फोन आ रहा है यह किसका फोन है किस नाम से रजिस्टर हुआ है फर्जी फोन कॉल है तो भी नाम लिख के आएगा यानी कि ट्रू कॉलर की तरह यह नहीं बताएगा यह सॉफ्टवेयर यह नहीं बताएगा कि कोई फर्जी है या असली है या नकली है लेकिन वो कौन है ये आइडेंटिटी जो ट्रू कॉलर में सच्ची तरीके से नहीं आ पा रही थी वो आपको इस सीन ऐप के चलते मिल जाएगी तो एक तरीके से यह ग्राहकों के लिए वरदान की तरह देखा जा रहा है कि आपको बहुत क्लियरली पता चल जाएगा कि कौन उस नंबर का असली मालिक कौन है बहुत सारे लोग फर्जी मैसेज कर देते हैं अभी कुछ दिन पहले हमने एक स्टोरी की जिसमें हमने आपको बताया कि लोग यह कहने लगे हैं कि मेरा नंबर चेंज हो गया है अब मेरा यह नंबर सेव कर लो वो इसलिए करते हैं क्योंकि वो आपका सब डाटा वगैरह चुरा लें लेकिन snap के चलते अब जब इस तरीके का कोई मैसेज आएगा या फोन आएगा ऐसे नंबर से तो यह चीज उसमें लिखी हुई आ जाएगी कि यह है इसका असली मालिक और जो कहा जा रहा है वो सच नहीं है इसका एक और तर्क भी है और वो यह कि सपोज मैसेज आया या WhatsApp आया WhatsApp में तो लिख करके नहीं आ सकता लेकिन अगर आप उस नंबर पर फोन करेंगे तो तुरंत मिलान हो जाएगा कि जो कहा जा रहा है और जिसके नाम पर रजिस्टर्ड है वो दोनों अलग-अलग चीजें हैं
स्पैम कॉल्स से परेशान? नया सिस्टम आपकी मदद करेगा!
यह कंपनियों को भी ज्यादा अकाउंटेबल बनाएगी इसलिए बनाएगी क्योंकि जितने लोग ठगी करते हैं आपने जामताड़ा सीरीज देखी होगी वो एक सिम को एक बार इस्तेमाल करते हैं बल्क में सिम खरीद लिए जाते हैं और वो सिम इस्तेमाल करके उसको तोड़ देते हैं कि ना ट्रैकिंग हो सके ना कुछ तो पता ही ना चले किसके नाम पर है लेकिन अब जब नाम डिस्प्ले होने लगेगा तब पता चल जाएगा कि वो किसके एड्रेस पर है सारी चीजें पारदर्शिता से अब सामने आने लगेंगी लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है और रास्ता चुनौतियों से भरा हुआ है कैसे आइए आपको बताते हैं सबसे पहली बात आपको यह बता दें कि टीआरएआई की वेबसाइट के हिसाब से अक्टूबर 2024 यानी कि सिर्फ एक महीने में 1.5 लाख लोगों ने शिकायत की स्पैम कॉलर्स की और ये तो वो लोग हैं जिनमें इतनी शिद्दत थी कि चलो टीआरआई की वेबसाइट और चलो आओ यहां पर कुछ घंटे लगा के एक शिकायत दर्ज की जाए सोचिए करोड़ों लोग होंगे जो महसूस करते होंगे स्पैम कॉल्स की दिक्कत लेकिन उन्होंने शिकायत ना की गई हो बहरहाल शिकायत करने वालों की भी संख्या ₹1.5 लाख है तो अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी बड़ी समस्या है अब आपको यह बताते हैं कि ये सीन ऐप के लागू होने में कितने चरण लगने वाले हैं ऐसा नहीं है कि कल को एचपी डेल एरicson Nokia ने एकदम से सर्वर और सॉफ्टवेयर दिया और खट से ये स्कीम चालू ये ऐसे नहीं होता इसमें एक और चीज है फर्ज कीजिए Jio के फोन से एक इंसान ने दूसरे Jio के ही नंबर पर फोन किया है तो तब यह सीन ऐप के तहत यह नाम लिखा हुआ आ जाएगा लेकिन अगर Jio के फोन से कोई Airtel पर फोन कर रहा है तब जरूरी नहीं है कि ये आए या फिर आप कोई भी कॉम्बिनेशन BSNL के फोन से कोई Jio में फोन करे नंबर आए
ट्राई का नया फैसला: हर कॉलर की असली पहचान होगी उजागर
यह जरूरी नहीं है इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि हिंदुस्तान में कोई भी सेंट्रलाइज्ड कॉलर आइडेंटिफिकेशन सुविधा नहीं है यानी कि कॉलर्स के बारे में जानकारी अलग-अलग कंपनीज वो खुद स्टोर करती हैं और अभी ऐसी कोई योजना नहीं है भारत में जिसमें Jio Airtel को यह जानकारी दे दे Airtel Vodafone को दे दे या फिर कोई किसी को ना दे लेकिन एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम सरकार का बना हो एक पोर्टल हो एक पूरा सिस्टम हो जहां ये सारे नाम जा रहे हों और उसके बाद उसका इस्तेमाल करके यह सीनप योजना लागू की जाए जब तक यह नहीं होगा तब तक इंटरकनेक्टिविटी नहीं होगी Jio से Jio में नाम आ जाएगा Airtel से Airtel में नाम आ जाएगा BSNL से BSNL में नाम आ जाएगा लेकिन अगर यह क्रिस क्रॉस हुआ तब यह चीज नहीं होगी ऐसे में इस स्कीम को सक्सेसफुली लागू करने के लिए क्या भारत सरकार को यह जरूरत महसूस नहीं हो रही कि सिर्फ आप सीनप लागू मत कीजिए लेकिन इस तरीके की एक व्यवस्था बनाइए ताकि वो ढंग से लागू हो सके वरना इन सब चीजों का भी फायदा स्कैमस्टर्स और स्पैम कॉलर्स उठा सकते हैं आप जानते हैं वो तो तलाश में रहते हैं कि कहां कोई लूप होल दिखे मिसाल के तौर पर आपको बताएं जब कैश कार्ड का कांसेप्ट हिंदुस्तान में आया था तब आप कोई भी सिम कार्ड ले सकते थे बिना अपना आइडेंटिफिकेशन दिए और उसके बाद फर्जीवाड़ा शुरू हुआ उसके बाद सरकार को जरूरत महसूस हुई कि नहीं आइडेंटिटी कार्ड लेनी जरूरी है उसके बाद सरकार को और भी चीजें जरूरत महसूस हुई कि नहीं बायोमेट्रिक कराना जरूरी है क्योंकि जैसे-जैसे आप कुछ चीजें कर रहे थे जो ठगी वाली मानसिकता के लोग थे वो उसके 10 कदम और आगे सोच रहे थे तो अब जब आप सीन ऐप लागू कर रहे हैं
तो क्या सरकार को और इन कंपनीज को यह अंदाजा है कि कोई ना कोई फ्रॉडिया कोई फ्रॉडस्टर बैठ के अभी यह भी अकल और स्कीम लगा रहा होगा कि सीनप लागू हो जाने के बाद उस सिस्टम को कैसे चकमा दिया जाए इस पर काम किया जाए और उसको सोच करके सरकार क्या कर रही है ये अपने आप में एक बहुत महत्वपूर्ण सवाल है लेकिन कार्ड बिफोर द हॉर्स नहीं रखना चाहिए सीधी सी बात है एक नई चीज है जो आ रही है जो स्वागत योग्य होनी चाहिए क्योंकि स्पैम कॉल से आप भी दुखी हैं मैं भी दुखी हूं और पूरा देश दुखी है और इससे निजात पाना बहुत जरूरी है और उसके दिशा में अगर कोई कदम उठाया जा रहा है तो वो हमेशा सराहनीय होगा