सुनीता विलियम्स और अंतरिक्ष में फंसी टीम: संघर्ष से सुरक्षित वापसी तक

 सुनीता विलियम्स: 9 महीने से ISS पर फंसी भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री

सबकी नजरें अब हैं अंतरिक्ष पर और अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं सुनीता विलियम्स और उनके कुछ सहयोगी सुनीता विलियम्स जो भारतीय मूल की हैं पिछले 9 महीने से वह आईएसएस यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसी हुई हैं वह गई थी 8 दिन के लिए लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई जिस वजह से व वापस नहीं आ पाई सुनीता विलियम्स को लेने के लिए अब एक रॉकेट स्पेस एक्स का रॉकेट फलकन ना लच कर दिया गया सुबह और 15 तारीख की रात र रात तक वह फॉल्कन ना स्पेस क्राफ्ट पहुंच चुका होगा आईएसएस इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जहां पर सुनीता विलियम्स फ हुई और अगर सब कुछ सही रहा तो चार दिन में यानी 19 मार्च को कुछ टेस्टिंग के बाद कुछ तकनीकी ट्रेनिंग के बाद सुनीता विलियम्स को यह फलकन वापस लेकर के आ जाएगा आपको बताएं कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फलकन ना को लच कर दिया और इसे इस मिशन को नाम दिया गया है 



आठ दिन का मिशन बना नौ महीने का संकट, तकनीकी खराबी ने बढ़ाई मुश्किलें

क्रू 10 और क्रू 10 में अ कुछ स्पेस यात्री जरूर हैं उनके नाम भी हम आपको बताएंगे उनकी डिटेल्स भी आपको देंगे आपको बताएं कि सुनीता और उनके साथ गए बुच विलमोर 9 महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसे हुए हैं उनकी स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ गई थी और कितना मुश्किल है क्योंकि वहां पर 9 महीने से सुनीता विलियम्स हैं आपको पता है कि वहां पर गुरुत्वाकर्षण बल नहीं है यानी सारी वस्तुएं तैरती रहती हैं और बहुत सघन ट्रेनिंग के बाद ही वहां पर स्पेस में जाते हैं यह अंतरिक्ष यात्री और इनके लिए कितना मुश्किल है और सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी कितनी मुश्किलों से वहां पर हैं व आप समझ सकते हैं लेकिन जब भी सुनीता विलियम से बात हुई वह हमेशा मुस्कुराती रही हैं उन्होंने हमेशा से अपनी बहुत अच्छी विशेस पूरे देश भर को भेजी हैं उन्होंने दिवाली की भी शुभकामना भेजी थी इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से आपको बताएं कि क्रू 10 में नासा की एनी मैकलिन और निकोल आयर्स है जापानीज स्पेस एजेंसी है उसका नाम है जक्सा के टकिया नीसी और रूसी स्पेस एजेंसी रोस रोस्को स्मोस के कॉस्मोनॉट किकिल पेस्को इसमें शामिल है 

क्रू-10 टीम में कौन?: नासा, जापान और रूस के अंतरिक्ष यात्रियों की भूमिका

आपको बताए चारों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पहुंचकर सुनीता विलियम्स बुच लमर और क्रू ना के दो और सदस्यों को की जगह लेंगे क्रू 10 का स्पेसक्राफ्ट 15 मार्च को आईएसएस पर डॉक करेगा उसके बाद 19 मार्च को यह यहां भारत में की सुनीता विलियम्स को लेकर के पहुंचेगा पृथ्वी में और उम्मीद है कि सब कुछ सही तरीके से सुरक्षित तरीके से होगा सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर वापस लौटें आपको बताएं कि ये जो जिस मिशन पर सुनीता विलियम्स गई थी उन्हें वो सिर्फ आठ दिन का मिशन था लेकिन तकनीकी खराबी आ गई जो वापस जिस स्पेसक्राफ्ट से लौटना था और वह वहां पर नौ महीनों से फंसी हुई हैं आपको बताएं कि स्टार लाइनर स्पेसक्राफ्ट बाद में खाली लौट आया लेकिन उसमें कोई बड़ी अतिरिक्त समस्या नहीं हुआ और आपको बताएं कि जो यह नया स्पेसक्राफ्ट गया है उसे एलोन मस्क की कंपनी ने बनाया है 

स्पेसएक्स का फाल्कन रॉकेट: सुनीता को वापस लाने की आखिरी उम्मीद

आपको याद होगा कि जो स्पेस एक्स हैं उसके सीईओ हैं एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप ने जरूर कहा था कि कि सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी को वापस लेकर के आइए और उन्होंने जनवरी में लिखा था अपने इस काम में लग जाएंगे उम्मीद है कि सभी सुरक्षित होंगे तो उम्मीद है कि वापसी हो जाएगी और स्पेस एक्स जो स्पेस क्राफ्ट बना कर के रॉकेट बना कर के भेजा है वही रॉकेट लेकर के आएगा जिसकी जिसकी जो एलन मस्क की कंपनी है आपको बताए कि सुनीता और बुच विलमोर बोइंग और नासा के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गए हुए थे इसमें सुनीता स्पेसक्राफ्ट की पायलट थी और उनके साथ गए बुच और इस मिशन के कमांडर थे दोनों इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन आईएसएस में आठ दिन रुकने के बाद वापस उन्हें पृथ्वी पर आना था लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और सीईओ टेट टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शुरुआत बताया था इस मिशन का मुख्य उद्देश उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को साबित करना था एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस पर आ दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे 

सुनीता का अदम्य साहस: संकट में भी दिवाली की शुभकामनाएं और मुस्कुराता चेहरा

सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट है जो एटलस वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रेवल भेजे गए इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैनुअली भी उड़ाना था फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे तोतो सुनीता विलियम्स ने मैनुअली भी स्पेस क्राफ्ट को उड़ाया और कितनी बहादुर सुनीता विलियम्स है ये तो आप समझ ही सकते हैं कि व 9 महीने से फसी हुई हैं और यह जो स्टार लाइनर का स्पेसक्राफ्ट है के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थी जो बताया जा रहा है इसके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हो गया था जिसमें जाना था लॉन्च के बाद भी खबरें थी कि स्पेसक्राफ्ट में काफी दिक्कतें हैं नासा ने बताया है कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है बहुत टेक्निकल कीज है जो अपने दर्शकों को समझा नहीं सकते क्योंकि मैं खुद एक्सपर्ट नहीं हूं लेकिन जरूर यह खबर देनी थी क्योंकि कोई दो जान है जो फंसी हुई हैं तकनीकी खराबी की वजह से अंतरिक्ष में पिछले 9 महीने से तो य कितना सोचने पर मजबूर करने वाली बात है और अब उनको वापस लाने के लिए स्पेसक्राफ्ट भेजा गया है और बताएं कि जिस एयरक्राफ्ट में गई उसमें पांच बार हीलियम लीक हुए और इसके जो पांच थ हैं वो भी काम करना बंद कर चुके थे इसके अलावा एक अ और भी तकनीकी दिक्कतें हो गई थी और बताएं कि स्पेस में जो अंतरिक्ष में मौजूद हैं क्रू और अमेरिका के ूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर भी मिलकर इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं बताएं कि यह जो स्पे ये स्टेशन है वह लगभग हम आपको बताते हैं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है उसे 18 देशों ने मिलकर के बनाया है और यह स्टेशन मिनिमम 330 किमी और मैक्सिमम 435 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की चारों ओर चक्कर लगा रहा है सबसे पहले आईस की कंट्रोल यूनिट को 1998 में रूसी रॉकेट से लांच किया गया था 2000 में पहली बार प्रयोग के मकसद से एस्ट्रोनॉट यहां रहने पहुंचे 2011 में यह बनकर तैयार हो गया इसमें एक सा छ एस्ट्रोनॉट रह सकते हैं और काफी मुश्किल है आपको बताएं कि एलोन मस्क से निवेदन भी किया था 

स्वास्थ्य पर मंडराते सवाल: अंतरिक्ष के प्रभाव और शारीरिक चुनौतियाँ 

जिस तरीके से तस्वीरें आई जिसमें सुनीता विलियम्स के गाल अंदर घुस गए बहुत दुबली हो गई हैं उसको देकर के डॉक्टर्स ने जरूर चिंता जाहिर की थी स्वास्थ्य को लेकर के सुनीता विलियम्स के और मस् से कहा था डॉनल्ड ट्रंप नेन बहादुर अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लेकर के आईए और 280 दिन अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स बिचा बिता चुकी हैं और काफी कुछ बदल जाएगा और तस्वीरें हम देख ही रहे हैं और बताएं कि आईएसएस जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन है उसमें अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट की पार्किंग के लिए अभी सिर्फ दो स्पॉट हैं और एक स्पॉट पर लगातार एक ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट खड़ा है ताकि स्पेस स्टेशन में आग लगने जैसी किसी इमरजेंसी में एस्ट्रोनॉट उस पर सवार हो सके यह एक लाइफ बोट की तरह है काफी टेक्निक हैं और अगर आपको बताएं कि काफी खतरे भी हैं वापसी में क्योंकि आईएसएस से यानी इंटरनेशनल स्पेस सेंटर जहां पर सुनीता विलियम्स है वहां से जो धरती की पृथ्वी की दूरी है वह 400 किमी की है और धरती से पृथ्वी का वायुमंडल आसमान की ओर 100 किमी दूर है आईएसएस धरती पर पहुंचने के लिए लगभग 3 घंटे का वक्त लगेगा और आईएसएस से निकलने के बाद सुनीता और बुज का स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के जो वायुमंडल में उसमें एंटर करेगा जिसे रीएंट्री कहते हैं और यह प्रोसेस सबसे ज्यादा खतरनाक और जानलेवा साबित हो सकता है बहुत सारी बातें हैं लेकिन हम सब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सुनीता विलियम्स 19 तारीख को अपने सहयोगियों के साथ वापस आएंगी सकुशल वापस आएंगी वह लगभग नौ महीनों से अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं और यह बहुत बहादुरी वाला काम है उनके गाल अंदर धस गए हैं उनकी उनका शरीर कमजोर नजर आ रहा है और बॉडी जो इंसानों की की बॉडी वो गुरुत्वाकर्षण बल हमारा इवोल्यूशन ऐसे हुआ है कि हम जमीन पर चल सके अंतरिक्ष में रहने के लिए हमारी बॉडी ट्रेन की गई है लेकिन वह एक सीमा तक है तो उम्मीद है कि सकुशल वापस आएंगी ।


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