भारत में Starlink की एंट्री से कॉरपोरेट और पॉलिटिकल वॉर शुरू!

Starlink क्या है और यह भारत में क्यों चर्चा में है?

अभी इलन मस्क का स्टार लिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा हिंदुस्तान में आया भी नहीं है कि अभी ही बहुत तेजी से एक कॉरपोरेट वॉर और एक बहुत ही प्रिडिक्टेबल टेंप्लेटेड पॉलिटिकल वॉर दोनों ही हिंदुस्तान में छिड़ गई है केंद्र में है लॉन मस्क और उसको लेकर के सवाल पूछे जा रहे हैं सरकार से और बड़ी-बड़ी कंपनियों से आप जानते हैं कि एक तरफ j बदल गया हालात बदल गए और कुछ ऐसा हुआ कि आज यह सारी कंपनी जो एक वक्त में इलन मस्क से मुकाबला करना चाहती थी आज गजब की गलब यां देखने को मिल रही है  क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं  



Jio और Airtel का Starlink के साथ करार: बदले समीकरण!

पहले आपको यह बता दें कि अभी कुछ दिन पहले यह ट्वीट आया airtelxtream.in लिस्टेड कंपनी है तो उन्होंने स्टॉक मार्केट को भी यह सारी चीजें बता दी इसमें प्रेस रिलीज में तमाम चीजें लिखी गई कि किस तरीके से  दूर दराज इलाकों में स्कूल्स के लिए बड़ा फायदेमंद रहेगा क्योंकि वहां पर इंटरनेट पहुंचेगा इससे पहले कि हम आगे बढ़ें सबसे पहले और एक बार फिर यह बताना जरूरी है कि स्टार लिंक है क्या स्टार लिंक एक नई तकनीक है जिसमें आप मोबाइल फोन से नहीं जिसमें आप ब्रॉडबैंड से नहीं घर में जो वाईफाई लगता है लेकिन उपग्रह को इस्तेमाल करके सैटेलाइट लो ऑर्बिट सेटेलाइट्स का इस्तेमाल करके इंटरनेट नेट मुहैया कराते हैं इसके लिए आपको स्टारलिंग का एक बक्सा खरीदना पड़ेगा वो बक्सा इस तरीके का है कि वह आसमान की ओर हो जाता है फिर आप उसको अलाइन कर सकते हैं और उसके बाद फिर इंटरनेट कहीं भी आपके पास मुहैया हो जाएगा यह एक सेवा है जो दुनिया भर में स्टार लिंक ने लॉन्च कर दी है हिंदुस्तान में अब तक नहीं हुई है क्योंकि बड़ी अड़चनें भी आ रही थी इसको लेकर के परमिश नहीं मिली थी शुरुआत में एक दौर था जब इसके ट्रायल रन टेस्ट रन या फिर आएगा तो इंट्रोडक्शन में कुछ लोगों ने इसको एक्सेप्ट किया लेने की कोशिश की लेकिन उस समय का दाम $99 प्रति माह था यानी कि अगर आज की आप करेंसी से देखें जो एक्सचेंज रेट है आप यह समझ लीजिए कि लगभग 9000 का खर्चा इसमें होगा तो यह कोई बहुत सस्ती टेक्नोलॉजी नहीं है महंगी टेक्नोलॉजी है 

सरकारी मंजूरी से पहले ही Starlink का स्वागत क्यों?

तो जो पूरा सिस्टम है उसका इस्तेमाल करके इस करार के चलते स्टारलिंग को बड़े बिजनेस घरानों को जो चाहिए या फिर अगर स्कूल्स को चाहिए एस्टेब्लिशमेंट्स को चाहिए सरकारों को चाहिए इन सब लोगों को मुहैया कराएंगे दाम वगैरह अभी बाद में तय होगा लेकिन इसमें भी सब्जेक्ट टू गवर्नमेंट अप्रूवल अब इतनी इतने बड़े-बड़े करार तो हो नहीं सकते ना अगर सरकारी अप्रूवल ना हो तो यह एकदम हेडलाइन डोमिनेट की इस बात ने उसके एकदम बाद अगले ही दिन जब यह बात होने लगी कि यह तो जिओ पिछड़ गया तो फिर जिओ ने भी घोषणा कर दी कि हम भी स्टर्लिंग के साथ समझौता कर चुके हैं उन्होंने भी एक प्रेस रिलीज जारी की यह आपके स्क्रीन पर रिलायस जिओ की प्रेस रिलीज है जिसमें वह कहता है स्टार्स आर अलाइड जिओ प्लस स्पेस एकस इ इक्वल टू स्टर्लिंग फॉर डिजिटल इंडिया अब आप यकीन मानिए यही वह कंपनी थी जो पहले विरोध कर रही थी मोदी सरकार को अदालत में खदेड़ने की बात कर रही थी आज आपने उसी से करा कर लिया हो सकता है कि जब प्रधानमंत्री यूनाइटेड स्टेट्स गए और जब वह मीटिंग हुई इलन मस्क और प्रधानमंत्री के बीच में जिसमें हिंदुस्तान का पूरा टॉप ब्रास जो प्रधानमंत्री के साथ गया था वह बैठा था एक तरफ और दूसरी तरफ इलन मस्क अपने बच्चों के साथ और नैनी के साथ बैठे थे तो हो सकता है उसमें इस तरीके की कुछ बात हुई हो हालांकि जो आधिकारिक प्रेस रिलीज आई उसमें इन सब चीजों का उल्लेख नहीं हुआ तो यह मानना बड़ा मुश्किल है कि इस बारे में कुछ बात ही नहीं हुई है या कोई परमिशन अभी तक है ही नहीं या बड़ी अड़चन हैं यह सब चीजें डिस्कस हुई होंगी तभी तो यह बड़ी-बड़ी हिंदुस्तानी कंपनियों ने अपना करार की घोषणा की है तो इंटीग्रेटिंग स्टार लिंक इनटू जिओ ब्रॉडबैंड इकोसिस्टम वी आर एक्सपेंडिंग आवर रीच एंड एनहांसिंग द रिलायबिलिटी ऑफ एक्सेसिबिलिटी ऑफ हाई स्पीड ब्रॉडबैंड यानी कि यहां पर जिओ की तरफ से यह कहा जा रहा था कि वह हमारे ही नेटवर्क को मजबूत करने के लिए स्टारलिंग के साथ करार इस तरीके की बातें होने लगी अच्छा यह तो हो गया करार और उसके ऊपर कही गई बातें लेकिन इससे पहले की बात आगे बढ़े या इसके बारे में चर्चा हो राजनीतिक रूप से चर्चा बहुत तेज हो गई सबसे पहले तो हम आपको एक चीज दिखाना चाहते हैं यह है अश्विनी वैष्णव जी का ट्वीट और अश्विनी वैष्णव आप जानते हैं केंद्र में मंत्री हैं उनका एक ट्वीट आया जिसमें लिखा था स्टार लिंक वेलकम टू इंडिया विल बी यूजफुल फॉर रिमोट एरिया रेलवे प्रोजेक्ट्स उन्होंने अपने रेलवे की बात कर दी क्योंकि मकसद यही था ना हैं या ऑर्गेनाइजेशंस हैं उनको हम दे सकते हैं क्योंकि थोड़ा सा महंगा पड़ता है तो बल्क में जो लेगा वही इसका फायदा उठा पाएगा क्योंकि यह कोई बहुत सस्ता इंटरनेट अभी तो है 

राजनीतिक हलकों में घमासान: कांग्रेस और TMC ने उठाए सवाल

उसमें अश्विनी वैष्णव जो रेल मंत्री हैं उन्होंने बोला कि बहुत यूजफुल होगा रिमोट एरियाज में और रेलवे प्रोजेक्ट्स में उन्होंने ट्वीट किया उसको लेकर के प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने भी ट्वीट कर दिया कि अश्विनी वैष्णव ने ऐसे बोला ऑल इंडिया रेडियो ने भी ट्वीट कर दिया क्योंकि आप जानते हैं वो सूचना प्रसारण मंत्री भी हैं स्टार लिंक वेलकम टू इंडिया विल बी यूजफुल फॉर रिमोट एरिया रेलवे प्रोजेक्ट यूनियन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव और फिर एकदम से यह प्रियांक खड़गे का ट्वीट है जिसमें आप देख सकते हैं वो लिखते हैं इंटरेस्टिंग श्री अश्विनी वैष्णव जी ट्वीट कांग्रे चुले स्टार लिंक ऑन इट्स एंट्री इनटू इंडिया हैज मिस्टीरियसली डिसअपीयर्ड यानी कि कांग्रेस की तरफ से यह हमला अश्विनी वैष्णव को कि ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि पहले तो आपने स्वागत किया और उसके बाद आपका स्वागत ही लुप्त हो गया गायब हो गया यह कैसा स्वागत ऐसे कैसे आपने स्वागत किया कि अब आप स्वागत नहीं कर रहे हैं अब आपने डिलीट कर दिया और इतनी सारी जो एजेंसीज आपको कोट कर रही थी जाहिर सी बात है जब मेन ट्वीट ही नहीं बचा तो फिर बाकी सारी चीजें क्या विपक्ष के एक और सांसद हैं उनका नाम है साकेत गोखले तृणमूल कांग्रेस के आप देख सकते हैं कि उन्होंने भी बिल्कुल यही चीज बोली reliance1 इंडियास सेकंड लार्जेस्ट टेलीकॉम प्रोवाइडर jio1 हैव बोथ अनाउंसड इंडियाज टू लार्जेस्ट टेलीकॉम प्रोवाइडर्स हैव बोथ अनाउंस एग्रीमेंट्स विद स्टार लिंक इन एनी अदर कंट्री दिस वुड हैव दिस वुड बी ब्लॉक्ड एज अ मोनोपोली वो लिखते हैं कि यह अ मोनोपोली कि आप मतलब एक छत्र राज चाहते हैं उसको लेकर के देश रोक देता है इसको कस्टमर्स वांटिंग सैटेलाइट इंटरनेट हैव नो ऑप्शन एक्सेप्ट स्टार लिंक अब स्टारलिंग के अलावा आपके पास कोई और विकल्प ही नहीं है आपको यह भी बता दें कि एक और कंपनी है अमेरिका की बे इंटरनेट प्रोवाइड करते हैं जिसका नाम है हालांकि अब डोमेस्टिक कंपनी ही करार कर रही हैं तो फिर कैसे डूम आल्सो मस्क कांस्टेंट अटेम्प्ट्स टू इंटरफेयर एंड अंडरमाइंड डेमोक्रेसीज इन यूरोप रेजस क्वेश्चंस ऑन वेदर ही इज गोइंग टू डू द सेम इन इंडिया विद मोदी सपोर्ट वो इसको एक कदम और आगे ले गए साकेत गोखले वह यह कहते हैं कि जिस तरीके से लॉन मस्क की एक फितरत रही है कि किस तरीके से वह लोकतंत्र को नीचा दिखाते हैं यूरोप में यह कोशिश कर रहे हैं और सवाल पूछे जा रहे हैं और हिंदुस्तान में उनको को यह करने दिया जा रहा है यह सवाल उठाता है हमारी अपनी सरकार से भी अब यह साकेत गोखले का वर्जन है अ इंडियन नेशनल कांग्रेस केरला की तरफ से भी आया व्हाई डिड यू डिलीट दिस ट्वीट अश्विनी वैष्णव से सवाल पूछा कि आपने ये ट्वीट डिलीट क्यों कर दिया स्टारलिंग नॉट यूजफुल फॉर रिमोट एरियाज एंड रेलवे प्रोजेक्ट्स एनीमोर कि क्या अब वो यूजफुल नहीं है पहले क्यों ट्वीट दाग दिए अब क्यों वापस ले लिया सुप्रिया शिनेट भी पीछे नहीं हटी उन्होंने भी कहा कि व्हाई डिड यू डिलीट दिस ट्वीट वई वाय दिस प्रीमेच्योर वेलकम आपने पहले ही उनका स्वागत क्यों कर दिया हैज इलन मस्क स्टर्लिंग गॉट गवर्नमेंट अप्रूवल क्या उनको सरकारी अनुमति मिल गई है जो आपने पहले ही स्वागत कर दिया उनका और अश्विनी वैष्णव तो बहुत ही जिसे कहते हैं दुलारे मंत्री हैं भाई वो ऐसे तैसे मंत्री भी नहीं है कि एनिमल हस्बैंड टाइप कुछ हो बहुत बड़े-बड़े मंत्रालय उनके पास हैं तो यूं ही तो उन्होंने ट्वीट नहीं किया होगा तो कोई तो वजह रही होगी शायद उनको यह मालूम होगा कि यह करार हो गया है और अप्रूवल भी आता ही होगा लेकिन सवाल अब यह पूछे जा रहे हैं कि जब अप्रूवल नहीं हुआ है तो आपने स्वागत कैसे कर दिया सिर्फ कंपनीज ने प्राइवेट कंपनीज ने अगर घोषणा की है कि उनका टाई अप हो गया है तो क्या उसी पर मंत्री ट्वीट कर देंगे इस तरीके से सुप्रिया शिनेट लिखती हैं हैज इट बीन अलडा स्पेक्ट्रम वाज दिस द डील स्ट्रक इन अ मीटिंग बिटवीन मोदी एमए एनएसए मस्क हिज किड्स एंड देयर ननीज मतलब एक तंज कस दिया जैसे कि आप देख रहे हैं कि लगातार ट्वीट दर ट्वीट अ बिल्कुल एकदम राजनीतिक दलों में लट्ठ म लठा चल रहा है इस चीज को लेकर के अ किस तरीके से स्टार लिंक आएगा और कैसे हिंदुस्तान की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनीज उनके साथ समझौता कर रही हैं 

प्रधानमंत्री मोदी और Elon Musk की मुलाकात में हुई थी कोई खास डील?

जयराम रमेश ने तो बहुत ही लंबा अ एक ट्वीट लिख दिया वो लिखते हैं विदन लिटरली 12 आवर्स ऑफ बोथ दे हैव बीन वॉइसिंग फॉर क्वाइट सम टाइम इट इज एंडेंजर्ड शिप्स हैव बीन ऑर्केस्ट्रेटेड बाय नन अदर देन द प्राइम मिनिस्टर हिमसेल्फ टू बाय गुडविल विद प्रेसिडेंट ट्रंप यानी कि प्रेसिडेंट ट्रंप के साथ हमदर्दी बटोरने के लिए और उनके साथ अच्छा संबंध बनाने के लिए आपने इस तरीके की सारी आपत्तियों को पहले ही नजरअंदाज कर दिया यह फार्मूला निकाल कर के बट मेनी क्वेश्चंस रिमन वो कहते हैं पर हैप्स द मोस्ट इंपोर्टेंट वन रिलेट्स टू नेशनल सिक्योरिटी हु विल हैव द पावर टू स्विच कनेक्टिविटी ऑन और ऑफ व्हेन नेशनल सिक्योरिटी डिमांड्स इट विल इट बी स्टार लिंक और इट्स इंडियन पार्टनर्स विल अदर सैटेलाइट बेस कनेक्टिविटी प्रोवाइडर्स आल्सो बी परमिटेड एंड ऑन व्हाट बेसिस एंड ऑफ कोर्स द मच लार्जर क्वेश्चन ऑफ टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग इन इंडिया रिमेंस इज देयर सम कमिटमेंट टू इट नाउ दैट स्टर्लिंग एंट्री इन टू इंडिया हैज बीन फैसिलिटेटेड तो वो सुरक्षा के दृष्टिकोण से कुछ सवाल उठा रहे हैं ये सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं क्योंकि आपको ध्यान होगा चाहे पूर्वोत्तर राज्यों में अ बात हो या फिर अ अंडमान और निकोबार की बात हो कई बार ऐसी खबरें आई हैं कि कुछ लोग पकड़े गए विदेश से आते हुए भारत में कुछ स्मगल करने की कोशिश कर रहे थे और उनके पास से स्टर्लिंग का डिवाइस मिला तो सुरक्षा कंसर्न्स भी उठाए जा रहे थे बाद में इलन मस्क की तरफ से ही बयान आया और उनकी कंपनी से कि हमारे तो सैटेलाइट हिंदुस्तान में ऑन ही नहीं है तो जब ऑन नहीं है तो फिर कैसे उसका दुरुपयोग हो सकता है यह सारी बातें हुई आपको एक और चीज बता दें भारत एक संधि है जिसको जिसको हमने दस्तखत किया है जिस पर जिसको कहते हैं इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशंस यूनियन आईटीयू यूनाइटेड नेशंस की एक संधि है



भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य: Starlink से कितनी उम्मीदें?


 ये जिस पर हमने दस्तखत किया है जिसमें सैटेलाइट स्पेक्ट्रम एक शेयर्ड रिसोर्स है उसका एक हिस्सा एक शेयर्ड रिसोर्स है तो हिंदुस्तान यह हक नहीं जमा सकता कि यह हमारा अपना है जैसे कि 4g 5g की नीलामी होती है और इसी संधि को कोट करते हुए इलन मस्क का यह कहना है कि मुझे एंट्री मिलनी चाहिए यही एंट्री उनको नहीं मिल रही थी क्योंकि इसी को लेकर के jio1 कह रहे थे हम तो अदालत चले जाएंगे आप नीलामी करवाई है याद कीजिए नीलामी को लेकर के स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर के कितना बवाल हुआ था 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम बाद में सब बरी हो गए वह मसला अलग लेकिन नीलामी की बात इन प्लेयर्स ने की पर परिस्थितियां कैसे बदलती हैं उसका परिणाम आपको अब देखने को मिल रहा है कि जो शिकायत कर रहे थे आज वही बहिया कर रहे हैं आज वही लोग एक साथ दिख रहे हैं jio1 इसी स्टारलिंग के साथ तो राजनीतिक रूप से बहुत सारे सवाल पूछे गए हैं भारतीय जनता पार्टी से और केंद्र सरकार से कि अब वह सुरक्षा के दृष्टिकोण से जो चिंताएं थी क्या वह पूरी हो गई आपको एक और चीज बता दें अभी भी यह सारी बातें अ चल रही हैं सूत्रों के हवाले से अगर माने तो आप यह समझ लीजिए कि बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जो अभी भी डिस्कस हो रही हैं जैसे कि डाटा कहां रहेगा सर्वर्स कहां रहेंगे हिंदुस्तान के अंदर रहेंगे या नहीं रहेंगे अगर स्टार लिंक लोग इस्तेमाल करेंगे दूसरी चीज यह है इसका दाम कितना होगा तीसरी चीज यह है कि आप जानते हैं आप स्टर्लिंग आप इधर उधर लेकर के घूम सकते हैं तो कितना कोई घूम सकता है इसको क्या लेकर के विदेश जा सकता है हिंदुस्तान में इसको सर्टिफाई करा के यह सारी चीजें अभी विचाराधीन हैं और इन्हीं सब मुद्दों को प्यार करने वाले मंत्री और कैबिनेट की तरफ से अगर यह नोट आ जाए कि वेलकम आपका बड़ा स्वागत बड़ा फायदा होगा हमसे निसंदेह फायदा होगा लेकिन क्या वह कंसर्न्स पूरी तरीके से एड्रेस हो चुके हैं यह चीजें अभी तक पब्लिक डोमेन में सामने नहीं आई हैं तो बहुत इंटरेस्टिंग रहेगा राजनीतिक बवाल अपनी जगह बहुत इंटरेस्टिंग रहेगा कि कब सरकार की तरफ से यह बताया जाएगा या यह कहा जाएगा कि हां ये ये ये ये चिंताएं थी और उस पर ये ये हमने समाधान निकाल लिया है जब तक वह नहीं हो रहा है तब तक करार की खबर है और राजनीतिक तकरार की भी खबर है।





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