रंगो की होली

 भारत वर्ष में कितने प्रकार की मनाई जाती है होली?



लठमार होली -(उत्तरप्रदेश -बरसाना और नंदगाव )

यहां के लोग लठमार होली खेलते हैं लाठियां से एक दूसरे पर प्रहार करते हैं इसमें महिलाएं भी सम्मिलित होती हैं जो बहुत ही हर्षोल्लाह से होली मनाते हैं।

कुमाउनी होली (उत्तराखण्ड -कुमाऊ क्षेत्र )

 संगीत पर आधारित होली है इसमें लोग भजन कीर्तन और जीत के रूप में होली मनाते हैं यहां भी बहुत हर्षउलास से होली बनाई जाती है

फागुआ होली (बिहार और पूर्वी उत्तरप्रद

 इसे भोजपुरी होली भी कहते हैं इसमें गुलाल और और लोग कीचड़ के साथ भी होली मनाते हैं यह होली काफी रोमांचक और खुशी से मनाई जाती है यहां लोग आपस में एक दूसरे के साथ होली मनाते हैं 

बसंत उत्सव /डोल जन्ना (पश्चिम बंगाल )

 यह होली बसंत ऋतु की स्वागत में होली मनाई जाती है और इसे ढोल जन्ना होली भी कहते हैं

 होला मोहल्ला पंजाब -आनंदपुर साहिब 

 होली नहीं बल्कि सिखों के वीरता के पर्व के रूप में मनाया जाता है अभी आपस में मिलकर यह पर्व मानते हैं

 डोला उत्सव (उड़ीसा - जगन्नाथ मंदिर क्षेत्र )

 उड़ीसा में होली ढोला पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भगवान 
 जगन्नाथ की मूर्ति को लोगों के सामने लाया जाता है

पूरे भारतवर्ष में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ होली मनाते हैं लोग लोगों के साथ सभी बुराइयां दुआस भावना से दूर रहकर एक दूसरे को गले मिलकर कई प्रकार के रंगों के साथ एक दूसरों की खींची करके मजाक मस्ती के साथ आपस में पुरानी बुराइयों को दूर रखकर होली मानते हैं यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है क्योंकि इस पर में लोग आपस में किसी भी प्रकार का दुआस भावना नहीं रखते हैं और पुरानी बुराइयों को दूर रखकर आपस में मिलकर होली मनाते हैं।

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