1. विवाद की शुरुआत: इलन मस्क, ग्रॉक एआई और आरएसएस
ग्रॉक एआई ने आरएसएस की भूमिका पर क्या कहा?
ट्विटरसाइनइन.कॉम पर हुए सवाल-जवाब
आरएसएस की भूमिका यानी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका इंडियन फ्रीडम स्ट्रगल में क्या थी यह एक सवाल है जो वापस चर्चा में आ गया है और इसके केंद्र में एक ऐसे इंसान हैं जो हमेशा ही रोज चर्चा में रहते हैं और कुछ ना कुछ हेडलाइन उनके इर्दगिर्द बनती रहती है जिनका नाम है इलन मस्क कभी अपनी टेस्ला को लेकर के चर्चा में कभी स्पेस सेस को लेकर के चर्चा में कभी स्टारलिंग को लेकर के चर्चा में और अब उन्हीं द्वारा खरीदा गया twittersignin.com हैं और जवाब जिस तरीके के आ रहे हैं वह अब अपने आप में एक बवाल का केंद्र बन गया है देखना यह होगा कि अब आरएसएस और सरकार की तरफ से इस पर क्या टिप्पणी आती है क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं सबसे पहले जैसे कि हमने आपको बताया यह ग्रॉक एआई एक टूल है जिस तरीके से डीप सीक है जैसे चैट जीपीटी है और तमाम सॉफ्टवेयर्स हैं वैसे ही एक सॉफ्टवेयर है Grok AI यह अगर आप twittersignin.com ही हैं तो बहुत सारे सोशल मीडिया यूजर्स ने एक सवाल पूछना शुरू किया सब लोग खेल रहे हैं दरअसल ग्रॉक से अलग-अलग तरीके से सवाल पूछ रहे हैं और उस पर जो जवाब आते हैं उसको सामने रख देते हैं तो आरएसएस केंद्र में कैसे आ गया आपको व बताते हैं
महात्मा गांधी और अन्य नेताओं पर ग्रॉक का दृष्टिकोण
एक सज्जन है जिनका नाम है मोहित चौहान यह एक सवाल पूछते हैं हे ग्रॉक डिड द आरएसएस पार्टिसिपेट इन इंडियास फ्रीडम स्ट्रगल ग्रॉक क्या राष्ट्रीय स्वयं से संघ ने हिंदुस्तान की जंगे आजादी में भाग लिया था या नहीं ग्रॉक का तुरंत जवाब आया जवाब आपके स्क्रीन पर है ग्रॉक लिखता है द आरएसएस यानी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हैड लिटिल टू नो रोल इन इंडियाज फ्रीडम स्ट्रगल देयर फाउंडर हेडगेवार जॉइन सम प्रोटेस्ट एज एन इंडिविजुअल बट द आरएसएस एज एन ऑर्गेनाइजेशन स्टेड आउट ग्रॉक का यह कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई में बहुत कम या ना के बराबर भूमिका रही है उनके संस्थापक हिड गवार वह अपनी व्यक्तिगत कैपेसिटी में तो कुछ आंदोलन में जुड़े लेकिन आरएसएस बतौर संस्था इससे बाहर रही फोकसिंग ऑन हिंदू नेशनलिज्म इंस्टेड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदू नेशनलिज्म में ज्यादा रुचि रख रही थी लीडर्स लाइक गोलवलकर इवन कॉल्ड द फ्रीडम मूवमेंट एंड ब्रिटिश गोलवलकर जैसे नेताओं ने हिंदुस्तान की आजादी के मूवमेंट को गैर ब्रितानी भी बताया था एंड नॉट अलाइड विद देयर हिंदू राष्ट्र विजन और यह उनके हिंदू राष्ट्र के सपने से मेल नहीं खाता सम आरएसएस मेंबर्स ऑफर्ड सेफ हाउसेस टू फ्रीडम फाइटर्स कुछ आरएसएस के जो सदस्य थे उन्होंने जो लोग जंगे आजादी में लड़ रहे थे उनको सुरक्षित स्थान भी मुहैया कराया बट ओनली बिकॉज दे वंट ऑन द ब्रिटिश रडार देम सेल्स सिर्फ इसलिए क्योंकि वह ब्रिटनी शासकों के खुद घेरे में नहीं थे चेक द 2020 इंडियन कल्चरल फोरम पीस फॉर मोर डिटेल्स तो अपना सोर्स भी बता दिया अ कुछ और जवाब भी आपको बताते हैं लेकिन उसके बाद फिर यह भी बताएंगे कि ग्रॉक काम किस तरीके से करता है
एक सवाल पूछा गौरव कुमार सिंह जी ने गांधी रोल इन फ्रीडम स्ट्रगल ग्रॉक तो तो ग्रॉक अपने जवाब में जो ओरिजिनल जिसने यह सवाल पूछा था मोहित चौहान उन्हीं को टैक करते हुए जवाब देता है जिसमें वह कहता है गांधी वाज पिटल इन इंडियाज फ्रीडम स्ट्रगल लीडिंग नॉन वायलेंट मूवमेंट्स लाइक नॉन कोऑपरेशन 1920 से 1922 सिविल डिसबडिंग क्विट इंडिया इन 1942 हिस सत्याग्रह फिलोसोफी यूनाइटेड वमन पेजेंट्स एंड वर्कर्स वीकनिंग ब्रिटिश रूल शेयर्ड बाय जैनिस्ट नॉन वायलेंस एंड साउथ एफ्रीकन एक्सपीरियंस ही मोबिलाइज मिलियंस लेइमान सिविल राइट्स तो यह इन्होंने अपना ग्रॉक ने जवाब दे दिया फिर सफा बशीर साहब ने पूछा कि आरएसएस हैड नो रोल इन फ्रीडम स्ट्रगल ऑफ इंडिया इट वाज प्रो ब्रिटिश दैट मींस नो अ प्रो सबजुगेशन ऑफ इंडियंस आरएसएस वाज अ पोरली आइडियो ऑर्गेनाइजेशन अग्री ग्रॉक फिर ग्रॉक ने वही सवाल दोहरा दिया उन्होंने बोला आरएसएस हैड नो ऑफिशियल रोल इन इंडियास फ्रीडम स्ट्रगल फोकसिंग ऑन हिंदू नेशनलिज्म इंस्टेड सम मेंबर्स जॉइन इंडिविजुअली बट द ऑर्गेनाइजेशन डिड नॉट बैक द मेन स्ट्रीम मूवमेंट एविडेंस शोज इट अवॉइडेबल एक्शंस अर्निंग ब्रिटिश अप्रूवल यानी कि ग्रॉक का यह मानना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक्टिवली फ्रीडम स्ट्रगल में हिस्सा नहीं ले रहा था और अ उसके कुछ कुछ सदस्य इस फ्रीडम स्ट्रगल को बैक भी नहीं कर रहे थे और तथ्य यह बताते हैं कि उन्होंने एंटी ब्रिटिश एक्शंस लेने से मना किया जिसकी वजह से उनको ब्रितानी शासकों की तरफ से अप्रूवल भी मिला यह ग्रॉक का मानना है फिर डिफाइंड देवी हैं एक उन्होंने लिखा हाउ कैन अ पार्टी लाइक आरएसएस व्हिच बिट्रेड इंडियंस इन द फ्रीडम स्ट्रगल बिकम इश्यूर्स ऑफ नेशनलिज्म सर्टिफिकेट्स आफ्टर 75 इयर्स ऑफ इंडिपेंडेंस फिर रॉक का जवाब बिल्कुल वैसा ही था अ जिसमें थोड़ा सा बदलाव जरूर हुआ देयर प्रोपेगेंडा हिस्टोरिकल रिविजनिज्म अब आप ये सुनिए यह जवाब द आरएसएस प्लेड लिटिल और रोल इन द फ्रीडम स्ट्रगल फोकसिंग ऑन हिंदू नेशनलिज्म इंस्टेड ये तो वो पहले भी जवाब दे चुका है फिर पोस्ट इंडिपेंडेंस दे रोज वाया कल्चरल इवेंट्स यानी कि आजादी के बाद आरएसएस बढ़ी सांस्कृतिक अ गतिविधियों की वजह से मीडिया स्वे एंड बीजेपी टाइज यह ग्रॉक कह रहा है इलन मस्क इलन मस्क की कंपनी यह बता रही है आरएसएस की वजह से कि आरएसएस बढ़ी है कल्चरल इवेंट्स मीडिया की स्वे की वजह से और बीजेपी से उनका जो जाहिर सी बात है संघ परिवार का हिस्सा है बीजेपी तो उनकी वजह से देर प्रोपेगेंडा हिस्टोरिकल रिविजनिज्म माइनॉरिटी डिमना इजेशन एंड कल्चरल नेशनलिज्म बहुत बड़े-बड़े शब्द ग्रॉक ने फेंक दिए हेल्प देम रीडिफाइन पेट्रियट लेवरेजिंग ग्रास रूट्स रीच एंड मॉडर्न टूल्स लाइक सोशल मीडिया यानी कि ग्रॉक ने यह बोला कि आरएसएस सोशल मीडिया का उपयोग करके जो अपनी विचार था वह उसको इतिहास जिस तरीके से था उसको बदलने की बात की माइनॉरिटी डी डिमना इजेशन डिमॉनेटाइजेशन नहीं माइनॉरिटी डिमना इजेशन यानी कि आपने जो अल्पसंख्यक हैं उनको डिमना इज करना यानी कि उनको बुरा दिखाना वह काम किया और कल्चरल नेशनलिज्म अ यानी कि आप यह सोचिए कि कल्चर को आगे करते हुए हिंदुत्व को आगे करते हुए अपनी बात आगे रखी यह सब ग्रॉक कहता है
फिर एक और कियारा गिल है उन्होंने लिखा डोंट पैरेट लाइंस फ्रॉम मार्क्सिस्ट हिस्ट्री यूज अदर सोर्सेस आल्सो यानी कि आरएसएस की के बचाव करने के लिए अब कुछ लोग twittersignin.com समझा था कांग्रेस की लड़ाई को अ हिस्ट्री स्प्लिट तो यहां पर एकदम से थोड़ा सा परिवर्तन आया ग्रॉक के जवाब में अ इतिहास बटा हुआ है कुछ लोग कहते हैं कि कोई रोल नहीं है बाकी लोग कहते हैं कि उनके पर्सनल एक्ट से कुछ लोगों ने अपनी व्यक्तिगत कैपेसिटी में फ्रीडम स्ट्रगल में भाग लिया अ चेक वेरी सोर्सेस लाइक स्वराज्य और इंडियन कल्चरल फोरम फॉर फुल पिक्चर नो सिंगल मार्क्सिस्ट लेंस हियर जस्ट फैक्ट्स फ्रॉम डिफरेंट एंगल्स यानी कि अपनी बात भी ग्रॉक ने कह दी कि मैं कोई इतिहास नहीं बता रहा हूं जो तथ्य उपलब्ध है मैं उनके आधार पर यह सारी बातें बोल रहा हूं इसमें कुछ लोगों ने और सवाल भी पूछे फिर यह पूछा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने फ्रीडम स्ट्रगल में क्या किया तो उस पर ग्रॉक कहता है कि हिज रोल इन इंडियाज फ्रीडम स्ट्रगल वाज मोर अबाउट फाइटिंग फॉर द ऑप्रोसे और वंचित वर्ग हैं उनके लिए उन्होंने अपनी लड़ाई को प्राथमिकता दिया ही फोकस्ड ऑन डिस्मेंटलिंग द कास्ट सिस्टम व्हिच ही सॉ एज अ डीपर ऑपरेशन देन कॉलोनियल रूल कि ब्रितानी शासकों से ज्यादा खतरनाक हिंदुस्तान में ही जो जातीय व्यवस्था है वह है यह बताता है ग्रॉक और वह आगे अपना पूरा सब कुछ बता रहा है लेकिन आरएसएस का सवाल बार-बार बार-बार लोगों ने पूछना शुरू किया तो उसमें अलग-अलग तरीके से लोगों ने पूछने का प्रयास किया एक आजकल लोग आस्क परप्लेक्सिटी भी करने लगते हैं यानी कि एआई का पूर्ण इस्तेमाल किया जा रहा है अपनी बात आगे बढ़ाने के लिए अ तमाम और भी सवाल पूछे गए हैं
फिर एक सज्जन हैं जिनको यह अंग्रेजी समझ में नहीं आ रही थी तो उन्होंने बोला कि हिंदी में बता यही बात भाई ग्रॉक को टैक करके तो ग्रॉक साहब हिंदी में बोल पड़े उनका यह कहना था कि आरएसएस ने भारत की आजादी की लड़ाई में कोई खास भूमिका नहीं निभाई इसके संस्थापक हिड गवार ने व्यक्तिगत तौर पर कुछ विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया लेकिन आरएसएस ने संगठन के रूप में दूरी बनाई रखी और हिंदू राष्ट्रवाद पर ध्यान दिया गोलवलकर जैसे नेताओं ने आजादी की लड़ाई को अंग्रेज विरोधी करार दिया जो उनकी हिंदू राष्ट्र की सोच से मेल नहीं खाता था कुछ आरएसएस सदस्यों ने स्वतंत्रता सेनानियों को सुरक्षित ठिकाने दिए लेकिन सिर्फ इसलिए क्योंकि वे अंग्रेजों की नजर में नहीं थे ज्यादा जानकारी के लिए 2020 का इंडियन कल्चरल फोरम लेख देखें तो वही चीज हिंदी में तर्जुमा करके उसका अनुवाद करके ग्रॉक ने सामने रख दिया अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीके से सवाल पूछ रहे हैं कुछ लोग मतलब आप यह समझिए कि जिसको जो मन में आ रहा है वह सवाल पूछ दे रहा है और यह तो सॉफ्टवेयर है तो यह भी अपना जवाब दिए जा रहा है
एक साहब ने पूछा कि हु इज द मोस्ट सक्सेसफुल एंड फेमस प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया एवर ग्रॉक जिस पर ग्रॉक का यह कहना है कि जवाहरलाल नेहरू इज वाइडल रिगार्डेड एज इंडियाज मोस्ट सक्सेसफुल एंड फेमस प्राइम मिनिस्टर ड्यू टू हिज 17 ईयर टेनर शेपिंग डेमोक्रेसी जवाहरलाल लाल नेहरू अ आमतौर पर हिंदुस्तान के सबसे प्रभावी और प्रसिद्ध प्रधानमंत्री माने जाते हैं अपने 17 साल के कार्यकाल में शासनकाल में उन्होंने लोकतंत्र को एक शेप दिया सेकुलरिज्म एंड की इंस्टीट्यूशंस लाइक आईआईटी एंड द स्पेस प्रोग्राम नरेंद्र मोदी करेंटली पॉपुलर विद 44 पर इन 2024 पोल्स एक्सल्स विद रिफॉर्म्स लाइक जीएसटी डिजिटाइजेशन बट हिज लेगस इ स्टिल इवॉल्विंग यानी कि नरेंद्र मोदी की जो अभी लेगस है व अभी भी इवॉल्व कर रही है जाहिर सी बात है अभी उनका कार्यकाल चल रहा है तो उनकी लेगस जब शासनकाल खत्म हो जाएगा तब उसका विश्लेषण होगा ऐसा ग्रॉक का मानना है वो कहते हैं ग्रॉक कहता है नेहरू हिस्टोरिकल इंपैक्ट एजेस आउट मोदी रिसेंट अचीवमेंट्स फॉर नाउ आज की डेट में जवाहरलाल नेहरू ने ऐतिहासिक रूप से जो किया है इतिहास में जो उनके बारे में दर्ज है इतिहास के पन्नों में वह अभी फिलहाल नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों से ज्यादा है अभी के लिए ज्यादा है तो यह ग्रॉक के जवाब हैं इससे आपको एक अंदाजा मिल जाएगा कि ग्रॉक क्या कर रहा है अब यह एआई टूल्स काम कैसे करते हैं अपना दिमाग नहीं है कंप्यूटर है प्रोग्राम है तो यह प्रोग्राम्स क्या करते हैं कि ओपन सोर्स में यानी कि खुले एक समझिए बटोर करके और उनको एक समझ में आ जाने वाली भाषा में रिसर्च करके देना यह ग्रॉक का काम है यही डीप सीक का भी काम है और यही काम अ चैट जीपीटी का भी है लेकिन इनमें से कोई भी ऐप परफेक्ट नहीं है और अगर आप इन ऐप से ही पूछ ले कि क्या हम कैसे यकीन मान ले कि आप परफेक्ट हैं आपने इंफॉर्मेशन कैसे लिए तो यह ऐप बेचारे खुद ही बोल देते हैं कि हम अभी भी सीख रहे हैं हम धीरे-धीरे सोर्स बटोर रहे हैं तो हो सकता है कि हमारे जवाब सही ना हो
क्या भारत सरकार इस पर कार्रवाई करेगी?
लेकिन जहां एक तरफ यह बात हो रही है वहीं आरएसएस पर ग्रॉक ने जो जो बोला है वह अब क्या सरकार के लिए एक किरकिरी वाली बात होगी या नहीं होगी इससे पहले भी हमने कई बार देखा है कि कुछ इस तरीके के जब जवाब आते हैं या कुछ ऐसी बात बोली जाती है जो सरकार को सही नहीं लगती तो वह इन प्लेटफॉर्म्स को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स को लिख करके बताते भी हैं कि यह सही नहीं है यह आप क्या जानकारी दे रहे हैं इसको बदलिए इस बात का भी इतिहास है वह किया है सरकार ने इस बार क्या सरकार आरएसएस के बचाव में आकर के इलन मस्क की कंपनी को बोलेगी कि सुधर जाओ या इसको हटाओ या इसको पुनः परिभाषित करो यह देखना बहुत इंटरेस्टिंग होगा खास तौर से एक ऐसे वक्त में जब मस्क साहब के दीवाने बहुत हैं हिंदुस्तान में मस्क साहब हिंदु हिंदुस्तान आकर के अपना स्टार लिंक बेचना चाहते हैं इंटरनेट सेवा जिसकी जिसके लिए हिंदुस्तान की दो बड़ी कंपनियां अब कूद पड़ी हैं दोनों ने करार कर लिया है उनकी कंपनी से और मस्क साहब अपनी टेस्ला गाड़ी लेकर के भी हिंदुस्तान आने वाले हैं ऐसे वक्त में जब वह डोनाल्ड ट्रंप के खासम खास हैं एकदम दुलारे आंखों के तारे तो क्या भारत सरकार कंट्रोवर्सी को ऐसे ही जाने देगी या फिर वह मसला अलग और यह मसला अलग क्या लॉन मस्क की कंपनी ग्रॉक एआई को भारत सरकार की तरफ से कोई चुनौती दी जाएगी ।