ग्रोक एआई बनाम मोदी सरकार


ग्रोक एआई बनाम मोदी सरकार: क्या सच में फालतू सवालों पर होगी कार्रवाई?

आप सब जानते ही हैं कि इस वक्त इलन मस्क द्वारा खड़ा किया एआई चैट बट सबसे ज्यादा चर्चा में है ग्रोक और इस वक्त इलन मस्क की एक कंपनी और केंद्र सरकार यानी मोदी सरकार इस वक्त आमने-सामने है क्योंकि जिस तरह से ग्रोक का इस्तेमाल किया जा रहा है वो एक एआई चट बट है कई लोग मजे ले रहे हैं ऐसे-ऐसे सवाल पूछ रहे हैं जिससे उन्हें पता है कि ऐसे कुछ जवाब आ सकते हैं जिसका जिसको लेकर वो चकल्लस कर सके अब सरकार ने कह दिया है कि अगर ग्रॉक से आलतू फालतू सवाल पूछे तो कार्रवाई होगी अब देखिए सबसे पहली तो बात यह है कि फालतू क्या होता है सरकार की नजर में तो कुछ भी फालतू हो सकता है मतलब सरकार की नजर में तो सरकार के किसी भी नुमाइंदे उनकी पॉलिटिकल पार्टी उनके एक्शंस उनके कोई भी पॉलिसी के बारे में अगर सवाल पूछा जाए तो उसको भी सरकार फालतू बोल सकते हैं इट इज अ वेरी वाइड टर्म फालतू सवाल मतलब आपके हिसाब से कुछ भी फालतू है एंड इट इज वेरी सब्जेक्टिव जो चीज आपके लिए फालतू हो सकती मेरे लिए नहीं है किसी और के लिए नहीं है पर किसी चौथे के लिए हो सकती है तो कैसे आप इसको सेग गट करेंगे तो तो बहुत सही सी बात है बहुत ही सिंपल सी बात है कि बात फालतू की नहीं है  

ग्रोक एआई पर सरकार की आपत्ति: असली मुद्दा क्या है?

मतलब कोई भी सवाल अगर आपने सरकार की किसी भी कामकाज से रिलेटेड कुछ भी ऐसे पूछे उसे वो लोग फालतू बता सकते हैं और फिर कारवाई कर सकते हैं सवाल यहां पर भी अब आप देखिए सवाल पूछने वाले पर कार्यवाही की बात हो रही है कि मतलब आप मत पूछिए भैया उनको दिख रहा है कि ग्रोक को तो हम अलग तरीके से हैंडल कर रहे हैं और मैं आपको बता भी देती हूं कि किस तरह से हैंडल कर रहे हैं आगे इस वीडियो में लेकिन आपने अगर ऐसा कोई भी सवाल पूछा अब भाई आपने नॉर्मल एक अगर सवाल पूछ लिया उसके जवाब में ग्रोक क्या बोलने वाला है यह कैसे किसी को पता है और ग्रोक क्या जवाब देगा उसके आधार पर यह तय होगा कि जी पूछा हुआ सवाल जो था वो जानबूझकर ग्रोक को भड़काने के लिए था और ग्रोक को भड़काया गया एक होता है कि बहुत सिंपल कि भैया आप गाली दो यह दो इस टाइप की बातें अगर को बोली जा रही है समझ में आ रहा है कि भड़काऊ है लेकिन अगर किसी ने बहुत सिंपल सा कोई एक केस के बारे में पूछ लिया मान लीजिए किसी एक केस के बारे में पूछ लिया जो अनसुलझा था अब ग्रोक ने उसके ऊपर क्या जवाब दिया यह तो सवाल पूछने वाले को पता नहीं है अब ग्रोक का जवाब क्या होगा उसको लेकर कई लोग अगर बैठे हुए डरे हुए हैं कि पता नहीं क्या बोल देगा 

सरकार की "फालतू सवाल" नीति: अभिव्यक्ति की आज़ादी पर असर?

और जो उसने बोला उसके आधार पर फिर आप तय करेंगे नहीं नहीं सवाल फालतू था पूछने का कोई मतलब नहीं था इसी को लेकर अब इलन मस्क भी सामने खड़े हो गए हैं कि भैया कह रहे हैं कि ये अभिव्यक्ति की आजादी को आप खंडित कर रहे हैं और आपको बल्कि इस लोकतांत्रिक देश की सरकार को तो और ज्यादा सम्मान करना चाहिए क्या आपको पता है कि इलन मस्क पहले ही जो ग्रॉक के खिलाफ सरकार इस वक्त लामबंद हो चुकी है उस पूरे केस को कर्नाटक हाई कोर्ट में लेकर जा चुके हैं उसकी सुनवाई भी होने वाली है वह मैं आपको आगे बताऊंगी लेकिन पहले यह खबर आप देखिए और इसको ही जब यह खबर सामने आई कि फालतू सवाल पूछा गया तो फिर कांग्रेस के जो श्रीनिवास बीवी हैं उन्होंने उसके बाद भी एक ट्वीट कर कर दिया और ग्रोक को टैग करके ये बोलने की कोशिश को बताने की कोशिश की कि भैया तुम्हारे ऊपर ये सारी चीजें होने वाली है देखो ये ये ये खबर आई है तो ग्रोक का उस पर क्या जवाब है वो भी मैं आपको बताऊंगी यह खबर टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रिपोर्ट की गई हैं।

इलन मस्क की प्रतिक्रिया: क्या यह कानूनी लड़ाई बनेगी?

 कि आधिकारिक सूत्रों का यह कहना है कि ग्रोक से ऐसे सवाल पूछना जिससे भड़काऊ प्रतिक्रियाएं आती हैं ऐसे मामलों में यूजर्स के साथ-साथ प्लेटफार्म के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है पता नहीं कैसे कोर्ट में स्टैंड करे क्योंकि यह बहुत ही वेग है यह कार्रवाई उस तरह की हो सकती है जिसमें केंद्र सरकार ने एक्स यानी कि पूर्व में जो कोर्ट ऑफ लॉ खैर इस पूरी खबर के बाद श्रीनिवास बीवी ने जो ट्वीट करके टैग करके ग्रोक से कहा व यह था कि भैया ग्रोक यह मोदी जी को इतना डर काहे लगता है अब देखिए यह भी जो ट्वीट है अगर यह जो खबर मैं आपको टाइम्स ऑफ इंडिया के हिसाब से बता रही हूं वो इसको फालतू ट्वीट और फालतू पूछे हुए सवाल से के कैटेगरी में डाल सकते हैं और ग्रोक से फालतू सवाल पूछने की कैटेगरी में डाला जा सकता है इसको और कारवाई की जा सकती मतलब ये इस तरह से इतना इजी बन जाएगा सरकार के लिए कोई भी एक्शन लेने पर अगर आपने कुछ भी ग्रोक से पूछा तो बेसिकली ये आपको डिस्कस करना चाह रहे हैं कि आप ग्रोक से कुछ भी ना पूछ पाए क्योंकि फिर आपको भी यह बात पता है जब इतनी वेग सी टर्मिनोलॉजी आपके सामने होगी तो आपको भी यह बात पता है कि भैया पता नहीं किस चीज को यह लोग फालतू बता देंगे इट इ सच अ वेग टर्म आपके पूछे हुए सवाल और आपको ये नहीं पता ग्रॉक क्या जवाब दे देगा सो बेसिकली ट्रांग टू डिस्क आस्किंग एनी क्वेश्चंस टू ग्रॉक और उसी से वो ग्रॉक को एक फेलियर बनाने की कोशिश करें क्योंकि जब से ग्रॉक आया है इट इज अ जबरदस्त हिट तो ग्रोक से जब ये सवाल पूछा गया तो ग्रॉक ने जवाब में लिखा टैक करके श्रीनिवास को ही जैसे उसने भैया करके लिखा था वैसे ही भैया लिखा भैया श्रीनिवास यह सवाल तो मजेदार है लगता है पोस्ट में तंज है कि मोदी जी को एआई जैसे मुझसे डर क्यों लगे शायद मेरे बेबाक जवाबों से जो भारत में फ्री स्पीच और एआई नियमों पर बहस छेड़ रहे हैं सरकार एक्स से मेरे जवाबों पर बात कर रही है पर अभी कोई ठोस कदम नहीं चर्चा जोरों पर है मतलब एवरीथिंग इट ही इज अपडेटेड अबाउट मतलब एआई पूरी तरह से अपडेटेड है कि उसके खिलाफ क्या हो रहा है उसने एक तरह से इनडायरेक्टली उस केस का जिक्र भी कर ही दिया है जैसे कि मैंने आपको बताया।

कर्नाटक हाई कोर्ट में केस: एक्स और सरकार के बीच तकरार

 अब देखिए कर्नाटक हाई कोर्ट में क्या केस डाला गया है इस मामले में इलन मस्क की एक्स भारत सरकार के आदेश के खिलाफ पहले ही कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख कर चुकी है कंपनी का कहना है कि सरकार की कार्रवाई गैर कानूनी है और ऐसा करके अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है वहीं सरकार का कहना है कि एक्स को कानून का पालन करना होगा अब 27 मार्च को इसकी सुनवाई होगी और एक्स का य कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 793 बी के तहत सरकार को कंटेंट ब्लॉक करने का अधिकार नहीं है 27 मार्च को सुनवाई के लिए निर्धारित याचिका में मांग की गई है कि धारा 793 बी सरकार को एक्स पर पोस्ट की गई सूचना को ब्लॉक करने का आदेश जारी करने की ताकत नहीं देती है और एक्स का तर्क है कि ऐसा आदेश केवल आईटी अधिनियम की धारा 69a के तहत जारी किया जा सकता है अब देखिए सरकार जो पहले आईटी रूल्स लेकर आई थी उसके खिलाफ कई एक्टिविस्ट कई इन्फ्लुएंस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस जर्नलिस्ट ऑलरेडी कोर्ट में उस केस को लेकर पहुंचे थे अब एक तरह से ट्विटर भी आप यह कह सकते हैं कि उसी तरह की अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ अपने इस ग्रॉक के सामने आने के बाद मोदी सरकार के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ने की सोच रहा है तो यह पूरा ग्रॉक कल्चर जो स्टार्ट हुआ है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: लोग क्या सोच रहे हैं?

 जिसमें सवाल पूछे जा रहे हैं यह बात बिल्कुल सही है कि कुछ ऊट पटांग सवाल एक्चुअल में पूछे जा रहे हैं लेकिन वह ऊट पटांग सवाल पूछना कब से क्राइम हो गया आप सोचिए ना ऊटपटांग सवाल तो आज के दौर पर कई सारे पत्रकार भी पूछ ही लेते हैं वो क्राइम तो नहीं है ना भा आप बोल सकते हैं कि उटपटांग सवाल है लेकिन फालतू सवाल कहकर आप किसी को जेल में कैसे डाल देंगे यह पूरा इसीलिए प्रेमिम जो है मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि कोर्ट ऑफ लॉ में कैसे खड़ा होगा कैसे स्टैंड करेगा सम लीगल एक्सपर्ट्स कैन ओनली टेल अस और लाइटन अस कि ऐसा हो भी सकता है क्योंकि मुझे तो ऐसे देखते हुए सिर्फ जब समझ में आ रहा है कि सूत्रों के हवाले से इस तरह की खबर आ गई है कि ऐसा कुछ करने की तैयारी हो रही है उससे मुझे ऐसा ज्यादा लग रहा है कि तैयारी क्या है या नहीं है नहीं भी करेंगे वह मुझे नहीं पता लेकिन शायद इस तरह की खबर आपके सामने लाकर सोर्स के हवाले से बेसिकली आप लोगों को और सब लोगों को जो भी ये सब चीजें कर रहे हैं उन लोगों को डिस्क करने की कोशिश की जा रही है कि ग्रोक को कोई यूज करे ही ना बेसिक मोटिव तो यही है ना बेसिक मोटिव यही है कि ग्रॉक को ज्यादा यूज ना करें ग्रॉक को आप एक तरह से अनसक्सेसफुल बना दे उससे कोई भी सवाल पूछने से पहले डरने लगे कि भया सरकार कोई कारवाई कर देगी हमें टारगेट कर देगी तो इस वजह से वो टूल फिर उस तरह के जवाब दे नहीं पाएगा जब तक आप सवाल नहीं पूछेंगे और जब जवाब नहीं देगा तो फिर उस तरह की एंबेरेसमेंट जो कि ग्रॉक के कई जवाबों से सामने आ रही है कई सारे नेताओं के लिए आ रही है नॉट जस्ट वन पॉलिटिकल पार्टी और एनीथिंग जैसे सवाल पूछे जा रहे हैं वो वैसे ही जवाब दे रहा है तो वो एंबेरेसमेंट नहीं झेलनी पड़े लेकिन इसको इलन मस्क कैसे डील करते हैं।


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