औरंगजेब की कब्र पर महाराष्ट्र में बढ़ती सियासत और उसके खतरनाक परिणाम

महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव: कौन है जिम्मेदार?

औरंगजेब की कब्र पर भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन महाराष्ट्र के अंदर जो सियासत कर रहे हैं ना उसके दूरगामीपरिणाम होने वाले हैं और जनता उसकी बहुत बड़ी कीमा चुकाने वाली है क्योंकि अब नागपुर शांतिपूर्ण नागपुर में सांप्रदायिक तनाव पैदा शुरू हो गया है औरंगजेब की कब्र के नाम पर इस अवाह के नाम पर कि मुसलमानों की धार्मिक किताब को जला दिया गया हालांकि बजरंग दल के जो कार्यकर्ता थे वो सड़क पर उतरे उन्होंने माहौल को खराब किया उन्होने मुसलमानों की धार्मिक प्रतीक को नुकसान भी पहुंचाया ऐसा वीडियो सामने उभर कर आया है मगर आज आपको सवाल करना पड़ेगा दोस्तों कि शांतिपूर्ण नागपुर में सांप्रदायिक तनाव पैदा क्यों हो गया और इस सांप्रदायिक तनाव से किसको फायदा है इस सांप्रदायिक तनाव से नुकसान किसको है नुकसान की बात करें तो दोस्तों नुकसान सिर्फ आपको है आप जो महाराष्ट्र में रह रहे हैं शुरुआत नागपुर से हो रही है सोच के भी सेहर पैदा होती है कि नागपुर के जरिए यह आग कहां-कहां फैलने वाली है क्योंकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश कर रही थी जब उनका नेता टी राजा सिंह गली गली घूमकर सांप्रदायिक तौर पर भड़काऊ बयान दे रहा था और इस पर कोई काबू नहीं पाया गया अब भी यह व्यक्ति अब भी यह व्यक्ति औरंगजेब की कब्र के नाम पर लगातार भड़काऊ बयान दे रहा है मगर मुख्यमंत्री देवेंद्र फनस जो है उस पर कोई नियंत्रण नहीं कर रहे मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बारे में क्या कहूं क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद औरंगजेब की कब्र के मुद्दे को तूल दे रहे हैं


 

देवेंद्र फडणवीस की भूमिका: भड़काऊ बयानों से सियासी फायदे की कोशिश?

आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं इस वक्त महाराष्ट्र के ऊपर 9.32 लाख करोड़ का कर्ज है क्या औरंगजेकी कब्र की बात करने से यह कर्ज उतर जाएगा महाराष्ट्र के अंदर लॉ एंड ऑर्डर ब से बतर हो रहा नागपुर उसकी एक मिसाल है और हमें नहीं भूलना चाहिए कि किस तरह से सैफ अली खान के घर में एक व्यक्ति घुसकर उन पर हमला बोलता है बाबा सिद्दीक की हत्या कर दी जाती है सलमान खान के घर के बाहर अंडरवर्ल्ड गोलीबारी करती है और यह सब महाराष्ट्र में चल रहा होता है सब मुंबई में चल रहा होता है क्या औरंगजेब की कब्र की बात करने से इस मुद्दे का समाधान हो जाएगा महाराष्ट्र में अब भी रोज किसान आत्महत्या कर रहा है मैं आपको बतलाना दोस्तो इस खबर पर देखिए डिमांड फॉर इरिगेशन वाटर डिनाइड अवर्ड विनिंग महाराष्ट्र फमर किल्स हिमसेल्फ यह किसान सिर्फ खेती के लिए पानी की मांग कर रहा था उसकी इस मांग को खारिज कर दिया गया इस व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली यह हाल है महाराष्ट्र के अंदर किसानों का मैं फिर आपसे पूछना चाहता हूं क्या औरंगजेब की कब्र की जिक्र करके इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा सबसे बड़ी बात जिस लाड़ की बा योजना को लेकर भाजपा जो है अपने सहयोगी दलों के साथ महाराष्ट्र में सत्ता में आई आप जानते हैं दोस्तों उस लाडकी बहन योजना के दायरे को खत्म किया जा रहा सामने एक तथ्य लाडकी बहन योजना के पैसों को नहीं बढ़ाया गया लेकिन इस राज्य में चर्चा सिर्फ औरंगजेब की कब्र पर हो रही है उल्टा लाडकी बहन योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं को पैसे दिए गए थे उनसे पैसे वापस लिए जा रहे हैं इन तमाम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए औरंगजेब की कब्र के मुद्दे को तूल दिया गया नतीजा आपके सामने नागपुर में सांप्रदायिकता ना आपको ये समझना पड़ेगा दोस्तों कि इसमें किसी और की नहीं देवेंद्र फर्नस की एक बहुत अहम भूमिका है जो अब मैं प्रमाणित करने वाला हूं और साथ ही इन दो चेहरों को देखिए कौशल और लक्ष्मण उते करर इनकी एक फिल्म आती है छावा जो आपके सामने झूठ परोस है अर्ध सत्य परोस है और लक्ष्मण उत्तेकर को इस झूठ के लिए माफी भी मांगनी पड़ी थी जिसकी मैं चर्चा आगे करूंगा मगर मैं आपको बतलाना चाहता हूं कि किस तरह से औरंगजेब की कब्र के मुद्दे को तूल कोई और नहीं स्वयं देवेंद्र फर्नस दे रहे थे 

भाजपा का एजेंडा: चुनावी धांधली के आरोपों से ध्यान हटाने का प्रयास?

उन्होंने एक नहीं तीन-तीन बयान दिए थे और क्यों बयान दिए थे ताकि राहुल गांधी ने चुनावों में जो धांधली हुई है उस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटका जा सके राहुल गांधी ने कौन से तीन सवाल खड़े किए थे उसकी हम चर्चा करेंगे किस तरह से राहुल गांधी के उठाए गए मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए औरंगजेब के मुद्दे को जो है ज्वलंत किया गया राहुल गांधी ने कौन से सवाल उठाए थे कुछ देर बाद मगर सबसे पहले मैं आपको बतलाना चाहता हूं किस तरह से स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस औरंगजेब की कब्र का मुद्दा उठाते रहे सबसे पहले मैं आपको बतलाना चाहता हूं इस तारीख पर गौर कीजिए 10 मार्च 2025 इस तारीख को देवेंद्र फर्नस कहते हैं हम भी यही चाहते हैं कि औरंगजेब की कब्र को हटा दिया जाए लेकिन इसे का न के दायरे में रहकर करना होगा क्योंकि यह एक संरक्षित स्थल है कांग्रेस सरकार के समय इसे एएसआई की सुरक्षा में रखा गया था उसके बाद इस तारीख पर गौर कीजिए 17 मार्च 2025 यहां पर क्या कहते हैं देवेंद्र फडणवीस यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा करनी पड़ रही है जबकि उसका इतिहास अत्याचारों से भरा हुआ है लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि अगर कोई औरंगजेब की महिमा मंडन करने की कोशिश करेगा तो हम उसे सफल नहीं होने देंगे इसके बाद तीसरा लमहा विधानसभा के अंदर विधानसभा के अंदर क्या कहते हैं देवेंद्र फर्नस इस पर गौर किया जाए वो कहते हैं हम औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा करेंगे लेकिन उसकी या स्थल की महिमा नहीं बढ़ने देंगे छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर का गौरव बढ़ेगा औरंगजेब की कब्र का नहीं लगातार यह शख्स जो खुद को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कहता है इन मुद्दों को बढ़ावा दे रहा था और जैसे मैंने कहा ना दोस्तों महाराष्ट्र के अंदर हालात को बद से 7 लोकसभा चुनावों से पहले कोशिश की जा रही है क्योंकि लोकसभा चुनावों के दौरान टी राजा सिंह को मैदान में छोड़ दिया गया था यह व्यक्ति जो मंच पर खड़ा होकर जहरीले बयान दे रहा था इस पर कोई कंट्रोल नहीं हुआ था आपको याद होगा दोस्तों कि लोकसभा चुनावों से पहले कई जगहों पर सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था मगर लोकसभा चुनावों के अंतर्गत इन्हें सफलता नहीं मिली इन्हें लगा कि हमने धर्म के नाम पर महाराष्ट्र में दंगे भड़काने की कोकी कुछ हुआ नहीं तो क्या किया जाए दोस्तों उसके बाद मुद्दा आता है चुनावी धांधली का राहुल गांधी तीन सवाल उठाते हैं और उन तीन सवालों से ध्यान भटकाने के लिए औरंगजेब के मुद्दे को छेड़ दिया जाता है वह मुद्दा जो 300 400 साल पुराना है जिसका देश की मौजूदा समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है राहुल गांधी ने वो तीन सवाल क्या उठाए थे जिनसे भटकाने के लिए औरंगजेब के मुद्दे को तूल दिया गया वो तीन सवाल कौन से थे एक एक करके आपके स्क्रीन पर पहला सवाल महाराष्ट्र में पाच साल में जितने वोटर्स लिस्ट में नाम जोड़े गए उतने पिछले पाच महीनों में जुड़ गए जो कि हिमाचल की आबादी है जी हां यह पहला सवाल था राहुल गांधी ने कहा ये वोटर्स कहां से आए पाच महीनों में इतने वोटर्स कैसे जुड़ गए और इन वोटर्स का फायदा किसको हुआ सवाल नंबर दो महाराष्ट्र की जो एडल्ट पॉपुलेशन है सरकार के मुताबिक 9.54 करोड़ है चुनाव आयोग के मुताबिक महाराष्ट्र में 9.7 करोड़ वोटर्स कैसे हो सकते हैं ऐसा कैसे हो सकता है कि जो आबादी है वयस्कों की उससे ज्यादा वोटर्स है और फिर उन्होंने जिक्र किया कांति विधानसभा का क्या सवाल उठाया राहुल गांधी ने आपके स्क्रीन पर कांति विधानसभा यहां कांग्रेस को लोकसभा में एक दश 36 लाख वोट मिले विधानसभा में 1.34 लाख वोट हमें मिला और हम लोकसभा चुनाव जीत गए इस विधानसभा में 35000 नए वोटर्स जुड़े और यह सारे के सारे 35000 वोट्स बीजेपी के खाते में गए और यह सिर्फ कांति विधानसभा में हुआ कई विधानसभाओं में यह मुद्दा आया वोटर्स लिस्ट में जिस तरह से नाम जोड़े गए राहुल गांधी ने यह मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था याद है कि भूल गए सुनिएरहुल ने क्या कहा था स्कर सर आपने आपने सही बात बोली क वोटर लिस्ट क्या सरकार बनाती है मैंने नहीं बोला आपने बोला क्या और आपने सही बोला कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है मगर पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हर स्टेट में हर अपोजिशन के स्टेट में और महाराष्ट्र में ब्लैक एंड वाइट वोटर लिस्ट प सवाल उठे हैं तो पूरा अपोजिशन मिलकर पूरा अपोजिशन मिलकर सिर्फ ये बोलने दीजिए पूरा अपोजिशन सिर्फ मिलकर यह कह रहा है कि वोटर लिस्ट पे यहां पे एक डिस्कशन हो जाए ओ आप आप बनाते नहीं हो इसको हम एक्सेप्ट कर रहे हैं आप डिस्कशन तो कीजिए राहुल गांधी ने जब ये मुद्दे उठाने शुरू किए तब अचानक औरंगजेब के मुद्दे को तूल दे दिया जाता है और 

‘छावा’ फिल्म का विवाद: झूठ और प्रोपेगेंडा की राजनीति

समानांतर तौर पर एक फिल्म रिलीज होती है जिसका नाम है छावा वो छावा जिसके लिए उनके जो डायरेक्टर हैं लक्ष्मण उते करर ने माफी मांगी थी क्यों क्योंकि उनके सामने कई करोड़ों की मानहानि का केस दर्ज होने वाला था मामला क्या था माफीनामा क्या था आपके स्क्रीन्स पर छावा पर विवाद गणोजी कान्होजी शिरके के वंशजों ने दी 100 करोड़ के माननी की धमकी डायरेक्टर ने मांगी माफी खबर क्या है आपके स्क्रीन्स पर रिपोर्ट्स के मुताबिक डायरेक्टर लक्ष्मण उते करर ने वंशजों में से एक भूषण शिरके से संपर्क किया और अनजाने में परिवार को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म में गणोजी और कानो जीी के अंतिम नाम या गांव के नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है यानी कि आपके सामने एक फिल्म परोस दी जाती है जिसमें सिर्फ झूठ होता है  नाम पर छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में कई झूठ परोसे जाते हैं जिनके बारे में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु एम एस गोलवा करर ने कहा था कि इन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के दरबार में काम करने वाले एक व्यक्ति की बेटी के ऊपर बुरी नजर डाली थी बात वहा नहीं रुकती सावरकर ने उन्हें अयाश लड़की और यह तक कहा था कि महाराष्ट्र पर राज करने के लायक नहीं थे इस तरह की शब्दावली का इस्तेमाल छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में एम एस गोलवा करर और सावरकर ने किया था यह फिल्म रिलीज होती है फिल्म के बाद हम कई इमोशनल माहौल देखते हैं महाराष्ट्र भर में इस तरह के इमोशनल माहौल दिखाई देते हैं जहां लोग जो हैं फिल्म खत्म होने के बाद आंसुओं में होते हैं चीख रहे होते हैं चिल्ला रहे होते हैं एक ऐसी फिल्म के बारे में जिसके बारे में आपको आधा सच परोसा गया जिसके डायरेक्टर लक्ष्मण उते करर ने माफी मांगी और सबसे बड़ी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फिल्म को प्रमोट किया था सुनिए और इन दिनों तो छावा की धूम मची हुई थ और जाहिर सी बात है इस फिल्म के अंदर क्रूर शासक औरंगजेब को खलनायक के तौर पर पेश किया गया था अब आप समझ रहे हैं क्या हो रहा है अब आप इस पूरे मुद्दे के तार जुड़ते हुए देख रहे हैं मैं फिर आपसे सवाल पूछना चाहता हूं महाराष्ट्र में कभी दंगे नहीं हुए कभी दंगे नहीं हुए आखिर ऐसा क्यों हो रहा है क्यों महाराष्ट्र को सांप्रदायिक आग झोका जा रहा है कांग्रेस के नेता अतुल लोधे पाटील ने यह मुद्दा उठाया क्या कह रहे हैं अतुल आइए सुनते हैं यह हम नागपुर वासियों के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है नागपुर का इतिहास नागपुर शहर जब बसाया गया 300 साल हु नागपुर में सर्वधर्म समभाव भाईचारा यह चरम पर है जब पूरे हिंदुस्तान में दंगल होती थी तब भी नागपुर में कभी दंगल नहीं हु यहां रामनवमी को राम का रत हिंदू मुस्लिम मिलकर खींचते संत ताजुद्दीन बाबा के यहां जितने मुस्लिम जाते उससे कई ज्यादा हिंदू जाते हैं ताजबाग जो आधे किलोमीटर पर है वहां से मुस्लिम लोग जुलूस लेकर आते हैं छोटा ताजबाग जो सकरधारा में है वहां से हिंदू लोग सजन बाबा का जुलूस लेकर आते हैं दोनों मिलकर उत्सव मनाते हैं य सालों की परंपरा है जिसने किसने भी यह राजनीतिक षडयंत्र कर नागपुर की शांतता को भंग करने की कोशिश की अपने राजनीतिक कारणों के लिए उसका मैं पहले तो निषेध करता हूं और आपके माध्यम से र की जनता को मैं विनम्र आवाहन करता हूं कि वो शांतता बरते जिस किसी ने भी यह राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए षडयंत्र किया है उसे अगर हमें हराना होगा डिफीट करना होगा तो हमें शांतता बरतनी होगी हमारा भाईचारा हमें मेंटेन करना पड़ेगा




 क्योंकि सुबह उठकर हम एक दूसरे को मिलते हैं मुझे पता है व महाल में छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले का जो एरिया है वो कैसा है मुझे अच्छे से मालूम है मेरा बचपन वहां गया है तो मैं हाथ जोड़ के सभी नागपुर वासियों से विनती करता हूं जो हमारी पहचान है भाईचारे की प्यार मोहब्बत की उसे बरकरार रखें मिलजुलकर रहे और शांतता बढते नागपुर मेरे लिए बहुत खास है दोस्तों और मैं आपको बताता हूं क्यों क्योंकि नागपुर वह शहर है जहां से मेरे पिता ने रिटायरमेंट लिया था और नागपुर से कुछ 100 स किलोमीटर दूर मेरे मां-बाप बसे हुए हैं मैं जब भी अपने मां-बाप के पास जाता हूं तो नागपुर में ही उतरता हूं इसलिए नागपुर से मेरा एक इमोशनल नाता है और जब मैं बात कह रहा हूं ना या नागपुर से मेरा जो इमोशनल नाता य बात मैं कह रहा हूं यह वैसा नहीं है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर शहर से हर आदमी से अपना इमोशनल नाता जोड़ देते हैं इसका सीधा नाता मेरे मां-बाप से इसलिए आज जब मैं नागपुर में सांप्रदायिक तनाव देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं कि हालात को काबू में लाया जाएगा वह शांति की अपील कर रहे हैं मगर मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या आप अपने किरदार से मुंह मोड़ सकते हैं सुनिए देवेंद्र फर्नस क्या कह रहे हैं नागपुर के महल इलाके में जिस प्रकार से तनाव की स्थिति निर्माण हुई यह बहुत ही निंदनीय है जिस प्रकार से कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की है पुलिस पर भी पत्थर फेंके हैं यह बिल्कुल गलत है मैं स्वयं इन सारी घटनाओं पर नजर रखकर हूं मैंने पुलिस कमिश्नर को कहा है कि कानून व्यवस्था बनाने के लिए जो भी कड़े से कड़े कदम उठाने की आवश्यकता हो उठाए जाए और शांति को बनाया जाए अगर कोई दंगा करता है कोई पुलिस पर पत्थर फेंकता है कोई समाज में तनाव निर्माण करता है तो ऐसे सभी लोगों के ऊपर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाए और मैं सभी को अपील करता हूं कि नागपुर एक बहुत ही शांतिप्रिय इस प्रकार की नगरी है यहां की शांति भंग ना हो हो इस प्रकार से सभी लोगों ने व्यवहार और बर्ताव करना चाहिए और कोई भी अगर इस प्रकार से तनाव निर्माण करने का प्रयास करेगा तो उसके ऊपर बहुत कड़ी कारवाई की जाएगी यह गलत है यह खतरनाक है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता मैं आपसे यही अपील कर रहा हूं दोस्तों कि इस तरह की सांप्रदायिक राजनीति से खुद को अलग कीजिए क्योंकि कल्पना कीजिए कि अगर महाराष्ट्र जैसे शांतिपूर्ण शहर में यह सब होने दिया जा रहा है तो सोचिए पूरे महाराष्ट्र में किस तरह की आग फैलाई जा सकती है 

नागपुर की सांप्रदायिक शांति को नुकसान: राजनीतिक फायदे के लिए माहौल खराब?

मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं इस वक्त नागपुर में या यह कहा जाए महाराष्ट्र में किसकी सरकार है जहां पर सांप्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फर्नस की विधानसभा क्षेत्र है यहां से नितिन गडकरी जो है वो सांसद है आज वो भी अपील कर रहे हैं सुनिए उन्होंने क्या कहा नागपूर म काही अफवा पसरला मुले धार्मिक तणाव निर्माण होण्याची स्थिती निर्माण झाली है या सर्व परिस्थिती नागपूर ने नेहमी शांततेच्या इतिहास हे नागपूर च विशेषता राहिली माझे सर्व बाधवाना विनंती है की त्यांनी कुठल्या ही प्रकारचा अनवर विश्वास ठेव न शांतता प्रस्थापित करावी आणि क रस्त्यावर ऊ न सगनी कायदा व्यवस्थे सहकार्य कराव आणि सलोखा आणि सर्च वातावरण ठेवण्याचे नागपूर जी परंपरा त्या परंपरे निरूप आपला व्यवहार करावा ज्या ज्या लोकांनी चुका केल्या असतील किवा ज्याने गैर कायदेशीर कत्य केले असतील त्यांच्या व सरकार कारवाई करेल असा विश्वास मी आपल्या स्यांना देतो माननीय मुख्यमंत्री या संबंधा सर्व माहिती मिलेली है त्यामुले आपण कुठल्या अनवर विश्वास न ठे वता आपण सगनी सहकार्य कराव आणि प्रेमाच सर्च उत्तम वातावरण ठेव करता मदद करावी पुलिसना मदद करावी अस माझी आपल्या स्यांना नम्र विनंती है नमस्कार तो बड़ा सवाल गबल इंजन की सरकार है केंद्र में भाजपा है राज्य में भाजपा है एमएलए भाजपा का है सांसद भाजपा का है ऐसे में अगर नागपुर में हालात बद से बदतर हो गए तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है बताइए आसान सा जवाब है क्योंकि यह सवाल भी नहीं है जवाब है भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी संगठन मुख्यमंत्री देवेंद्र फर्नवे जो लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे थे जो एक ऐसे मुद्दे को तूल दे रहे थे जिसका कोई औचित्य नहीं है मुद्दे क्या हैं मुद्दे हैं कि महाराष्ट्र सरकार जो है कर्ज में डूबी हुई है 9.32 लाख करोड़ के कर्ज में मुद्दा यह है कि किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है मुद्दा है लाडकी बहन योजना पर भाजपा गठबंधन सरकार के झूठ और इन्हीं झूठ पर पर्दा डालने के लिए ये सब करवाया जा रहा है यह अक्षम में किसी भी कीमत पर इसे माफ नहीं किया जा सकता मैं उम्मीद करता हूं कि आप जो लोग हैं जनता है अफवाहों में नहीं बहेंगे अगर इस तरह की अफवाह आ भी रही है इस तरह की खबरें आ भी रही है तो हर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान हो सकता है भारतीय जनता पार्टी यही चाहती है कि सांप्रदायिक तनाव पैदा हो जाए बीजेपी यही चाहती है कि हालात बद से बदतर हो जाए और इसका नुकसान किसको है सिर्फ मुसलमानों को नहीं है हम हिंदुओं को भी है क्योंकि इसी नागपुर से मध्य प्रदेश भी जुड़ा हुआ है शुरुआत नागपुर से हो रही है आसपास के इलाकों में यह मुद्दा फैल जाएगा इसमें किसी को अचरज नहीं होनी चाहिए इसलिए होश में आइए होश में आने की जरूरत ना सिर्फ भाजपा को है बजरंग दल को है बल्कि जनता को भी सचेत रहने की जरूरत है हम खुद को इस सांप्रदायिक आग में नहीं जला सकते हैं राज्य के माहौल को नहीं भड़का सकते राज्य में शांति बहाली जरूरी है यह बात भाजपा को नहीं समझ आ रही मगर आम जनता के तौर पर आपको यह बात समझ आनी चाहिए तो देखा आपने कितने आसान शब्दों में मैंने आपके सामने पूरी साजिश रच दी कि आखिर नागपुर में सांप्रदायिक तनाव पैदा क्यों हुआ यह कहानी बहुत खतरनाक है और उसके कई अध्याय बाकी है जो आप आने वाले दिनों में देखने वाले हैं।


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