मध्य प्रदेश में बेरोजगारी का नया नाम: 'आकांक्षी युवा'
कुछ वर्षों पहले मध्य प्रदेश टूरिज्म का एक ऐड बहुत लोकप्रिय हुआ था और उसके पीछे की वजह भी थी क्योंकि वो इतना मेलोडियस था बहुत ही जबरदस्त ऐड कैंपेन और उसमें एक गाना था वो कुछ इस तरीके से था एमपी गजब है गजब है गजब तो है ही एमपी गजब इसलिए है क्योंकि अपनी तमाम अच्छाइयों के अलावा मध्यप्रदेश में समस्या का समाधान ढूंढने का एक बहुत पुराना बहुत पुराना चलन जैसे कि अगर कोई सड़क अच्छी नहीं लग रही है तो उसका नाम बदल दो समस्या का समाधान रेलवे स्टेशन अच्छा नहीं लग रहा है उसका नाम बदल दो समस्या का समाधान लेकिन अब यह सड़क और रेलवे स्टेशन तक ही नहीं अब यह और जो बेसिक समस्याएं हैं उस पर भी लागू हो गया है मसलन बेरोजगारी जैसी समस्या मध्य प्रदेश में है ही नहीं क्योंकि मध्य प्रदेश ने बेरोजगारी का नाम बदल दिया बेरोजगारी को अगर हम आकांक्षी युवा कह रहे हैं तो यहीं क्यों रुकना और नाम बदल दीजिए भुखमरी की जगह अब शुधाशत्रु युवा बोलना चाहिए कुपोषण की जगह मेवामुखी युवा बोलना चाहिए गरीबी की जगह धनी इच्छु युवा बोलना चाहिए ट्राई कीजिए समस्या का समाधान ढूंढने का जो आपका तरीका है वो वाकई यूनिक है क्या है यह पूरा मामला आइए आपको बताते हैं नमस्कार मेरा नाम है संकेत उपाध्याय और आप देख रहे हैं इशारों इशारों में तो जैसे कि हमने आपको बताया मध्य प्रदेश सरकार इस बात से बड़ी चिंतित थी कि भाई हमारे यहां अ अनइंप्लॉयमेंट यानी कि बेरोजगारी बहुत बढ़ रही है सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही अगर देखा जाए जैसे कि आप स्क्रीन पर देख सकते हैं यहां पर अह 2023 जुलाई ऑफिशियल रिकॉर्ड्स में मध्य प्रदेश में 25.82 लाख लोग बेरोजगार थे और दिसंबर 2023 में यह नंबर बढ़ के 26.17 लाख हो गया और अब अगर एस्टीमेट्स आप लगाएंगे तो ये करीब 29.36 लाख है यानी कि 30 लाख युवा सरकारी आंकड़ों में बेरोजगार हैं ये फिगर सरकारी आंकड़े आप जानते हैं कैसे होते हैं कंजर्वेटिव होते हैं उसके आगे भी यह समस्या विराट होती है।
बेरोजगारी का हल या नाम बदलने की राजनीति?
लेकिन सरकारी आंकड़ों में इतना सरकार ने माना है आपको यह भी बता दें कि यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है जॉब मेला जरूर लगे हैं जॉब मेले में लोग आते भी हैं लेकिन उसके बावजूद यह आंकड़े बढ़ रहे हैं लेकिन इन बढ़ते हुए आंकड़ों से परेशान ना हो के चिंतित ना हो के मध्य प्रदेश सरकार ने कमाल ही कर दिया उन्होंने एक ब्रांड न्यू तकनीक सोची और वो ब्रांड न्यू तकनीक यह है कि यार ना बजेगा बांस ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी तो एक काम करते हैं बेरोजगार युवा के समस्या का ही समाधान कर देते हैं यह शब्द ही हटा देते हैं अब उनको उम्मीद देते हैं उनका नाम रख देते हैं आकांक्षी युवा उनकोत्वाकांक्षा है वो आकांक्षी हैं कि वह नौकरी पाएं नाम आप कुछ भी रख दें लेकिन क्या उनको वो नौकरी मिल रही है ऑनेस्ट आंसर यह है कि बेरोजगारी बढ़ी है लेकिन उस अनुपात में नौकरियां नहीं आपके स्क्रीन के सामने यह कुछ आंकड़े हैं यह तमाम वेबसाइट से लिए हुए आंकड़े हैं सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी यानी कि सीएमआई ये एक निष्पक्ष सर्वे कराते हैं बेरोजगारी पर और इनके हिसाब से जून 2024 में बेरोजगारी दर बढ़कर के 9.2% हो गया यह सर्वे यह भी बताता है कि यह 8 9 महीने का हाई है मतलब यह इतना ज्यादा हाई पहले था नहीं 9.2 पर जाना मतलब यह अति गंभीर विषय है नया ताजा सर्वेक्षण होगा तो उसमें क्या निकल कर के आएगा वो बात अलग है रूरल अनइंप्लॉयमेंट में सीएमआई की डाटा के हिसाब से वो भी बढ़ा है यानी कि गांव देहात में भी बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है 9.3% हो गया जून 2000 2024 में यह मई 2024 में 6.3% था अर्बन अनइंप्लॉयमेंट यह 8.9% हो गया है 8.6% से यानी कि यहां पर भी बढ़ोतरी हुई है तो जैसा कि आप देख सकते हैं लगातार बेरोजगारी की समस्या बढ़ती चली जा रही है इससे इसके बजाय कि आप उसका समाधान ढूंढे यह गजब सा मॉडल है मध्य प्रदेश का जहां ढूंढा क्या जा रहा है ढूंढा जा रहा है समाधान नाम बदलकर अब यह नाम बदल करके आप क्या ही कर लेंगे क्या हासिल कर लेंगे क्या इससे लोगों के दिल में पॉजिटिविटी भर आएगी क्या इसके बाद लोग नौकरी ढूंढना बंद कर देंगे
बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़े
फिर बेरोजगार युवा हताश होने के बजाय यह सोच करके खुश हो जाएगा कि सरकार ने मुझे कहा है कि मैं आकांक्षी युवा हूं मेरे अंदर की महत्वाकांक्षा है वह कभी मरने ना पाएं मैं इसी तरीके से नौकरी का अभिलाषी हमेशा रहूं क्या यह रणनीति है जैसे कि हमने शुरुआत में भी बोला कि अगर यही रणनीति है आपकी बेरोजगारी दूर करने की तो सिर्फ बेरोजगारी तक क्यों रोका हुआ है मैं एक बार फिर से दोहरा दूं कहीं सरकार को यह लगे या भूल जाए अह कोई और प्रदेश की भी सरकार अगर यह काम करना चाहे तो वो कर सकती है यानी कि भुखमरी अगर शुद्धा शत्रु युवा हो जाए इसका मतलब शुद्ध मतलब भूख शत्रु मतलब दुश्मन यानी कि भूख का दुश्मन जो युवा हो वो भुखमरी अब ना बोला जाए सुधा शत्रु बोला जाए इसी तरीके से कुपोषण और कुपोषित युवा को मेवा मुखी युवा जो अपने मुख में मेवा चाहता हो वो मेवा मुखी युवा हो इसी तरीके से गरीब गरीब क्यों रहे उसको धनीच्छु युवा बोलना चाहिए जिसको धन की इच्छा हो धनीच्छु बन जाए युवा तो क्या आप धनच्छु युवा बनाना चाहते हैं क्या आप मेवा मुखी युवा बनाना चाहते हैं ठीक उसी तरीके से जैसे कि आपने आकांक्षी युवा बनाया है मध्य प्रदेश से ये बिल्कुल मस्त वाला आया है मध्य प्रदेश में अब बेरोजगारों को बेरोजगार नहीं आकांक्षी युवा कहा जाएगा बढ़िया है ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी ना बेरोजगार रहेंगे ना उनका रोजगार बनाने का टेंशन सरकार को लेना पड़ेगा सुनने में आ रहा है मोदी जी को ये आईडिया बहुत पसंद आया और अब इसको पूरे देश में लागू करने पर विचार चल रहा है वैसे भी 11 साल में जुमलों और लफाजी के अलावा किया ही क्या है तो अब यही एक तरीका है बेरोजगारी खत्म करने का बेरोजगारी का बेरोजगारों का नाम ही बदल कर रख दो नाम बदलने में क्या है बदल दीजिए
युवा अब नौकरी तलाशना ही छोड़ रहे हैं
मेरी समस्या को कल से अमीरी बोलना शुरू कर दीजिए समस्या वही रहेगी नाम बदल जाएगा अब ये चीज सरकारें क्यों करती हैं सरकारें ये इसलिए करती हैं ताकि हम और आप इस पर चर्चा करें हम और आप इस पर गपोष्ठी करें लंतरानी हो बहस हो और बस उसी में समय जाया हो जा लेकिन इसी चीज को मुद्दा बना करके यह सवाल भी सरकार से पूछना जरूरी है कि जो आंकड़े आपके सामने आ रहे हैं खासतौर से मध्य प्रदेश से रिलेटेड आ रहे हैं जिसमें बहुत क्लियरली अनइंप्लॉयमेंट बढ़ा है उस बढ़े हुए अनइंप्लॉयमेंट को ना देख कर के आपको दिख रहा है नाम का परिवर्तन उस बढ़े हुए देश के अनइंप्लॉयमेंट और बेरोजगारी को ना देख के अब चर्चा इस बात पर हो रही है कि उनको आकांक्षी युवा बुलाया जाए युवा आकांक्षी हमेशा से था लेकिन इसी के बीच में बहुत सारे युवा हताश भी हो रहे हैं आपको यह बता दूं कि सीएमआई का ही आंकड़ा और भी तमाम आंकड़े हैं जो लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन के बारे में बात करते हैं लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट इसका मतलब यह है कि कितने ऐसे लोग हैं जो बेरोजगार हैं और वो नौकरी के अभिलाषी हैं और आपको जान के ताज्जुब होगा कि आंकड़े दर आंकड़े अब यह बता रहे हैं और यह है सबसे खतरनाक आंकड़ा आंकड़े दर आंकड़े यह बताते हैं कि बहुत सारे ऐसे युवा हैं जो अब इतने डीमोटिवेटेड हो गए हैं कि बेरोजगार होने के बावजूद अब वो नौकरी तलाशना बंद कर चुके हैं इतने हताश हो चुके हैं लेबर फोर्स से ही बाहर चले गए हैं इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब यह है कि वह अब आकांक्षी नहीं रहे
समस्या का असली समाधान क्या है?
और उनको निराश सरकार ने किया अब अगर इस देश के बेरोजगार युवा सरकार का नाम बदल दें तो वह सरकार को निर्धन सरकार बुलाने लगे तो वो कल को सरकार से यह कहें कि आप तो उम्मीदों पर खरी ना उतरने वाली सरकार हैं कुछ भी इसी तरीके का एक फैंसी सा नाम वो लोग भी रख दें सरकारों के लिए तो क्या उससे समस्या का समाधान मिल जाएगा लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन से लोगों का जाना यह साफ संकेत है कि यह युवा जो बेरोजगार है वो आकांक्षी युवा था अब नहीं है उनको लेबर फोर्स में वापस लाने के लिए उनको नाम देने की जरूरत नहीं है उनको काम देने की जरूरत है क्या यह काम देने का काम सरकार कर रही है क्या उसकी तरफ कदम उठाए हैं नीलबटा सन्नाटा नया नाम देने की कोशिश की है 1% ऑप्टिक्स 1% ग्राउंड रियलिटी 0% अब आप सोचिए अपनी अपनी समस्याओं के बारे में उन समस्याओं का आज क्या नाम है और वो समस्याएं कैसे दूर हो सकती हैं उसके लिए उनके क्या नाम रखे जा सकते हैं यह आप कमेंट सेक्शन में जरूर लिखिएगा| एक बार फिर मैं जानता हूं मैं तीसरी बार दोहरा रहा हूं लेकिन बेरोजगार युवा अगर आकांक्षी युवा है तो भुखमरी की जगह अब सुधा शत्रु युवा बोलना चाहिए जो कुपोषण से शिकार है उसको मेवा मुखी युवा बुलाना चाहिए और जो गरीबी से शिकार है उसको धन इच्छु युवा बुलाना चाहिए आइए अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढे मध्य प्रदेश की सरकार की तरह मजाक के लिए ही सही नाम बदल करके इशारोंइशारों में आज इतना ही फिर मिलेंगे।