कुणाल कामरा और उनकी विवादित टिप्पणियाँ
प्रधानमंत्री मोदी के लिए है जिन्होंने कहा है कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है कुणाल कामरा को जिस तरह से धमकी दी गई है एफआईआर की गई है उससे कुणाल कामरा बिल्कुल नहीं डरे हैं बल्कि उन्होंने एक तस्वीर ट्वीट की है हाथ में संविधान की किताब लेकर यही हौसला आज के समय की ऊर्जा है गद्दार नजर वो आए कुणाल कामरा का वीडियो उनके कला खराब हो तो पढ़ सकते हैं हम होंगे कंगाल एक दिन मन में है अंधविश्वास क्या इस गाने से मिडिल क्लास आहत हो सकता है उसकी हालत आज ऐसी ही है जिस मिडिल क्लास से अपनी हालत पर रोया नहीं जा रहा है उसकी हालत को कुणाल कामरा गा रहे हैं नया भारत यह नाम है कुणाल के वीडियो का इस वीडियो में कुणाल कामरा ने 80 करोड़ देवी देवताओं में से किसी एक के साथ बेअदबी नहीं की है नाम तक नहीं लिया किसी देवी देवता का फिर भी आहत होने का तांडव मचाया जा रहा है तब क्यों आहत होने की नौटंकी की जा रही है यहां जो हो रहा है वही तो देश में हो रहा है या होने की आशंका मंडरा रही है इसी राज्य में एकनाथ शिंदे की बड़ी सी कुर्सी छोटी कर दी गई वे मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बना दिए गए किसी ने कुर्सियों को नहीं तोड़ा लेकिन इस थिएटर में कुणाल कामरा ने एकनाथ शिंदे पर तंज कर दिया तो हॉल की कुर्सियों पर प्राण घातक प्रहार किए जाने लगे आज भारत में इंसान से ज्यादा कुर्सियां खतरे में हैं जब भारत में मस्जिद खोदने पर लोग उतारू हो सकते हैं तो कुर्सियों को क्यों छोड़ देंगे डू यू गेट माय पॉइंट इसलिए मेरा वीडियो कुणाल कामरा पर नहीं है कामरा की कॉमेडी पर नहीं है मेरा आज का वीडियो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित है जिन्होंने हाल ही में तीन घंटे से भी अधिक एक इंटरव्यू में कहा कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है आत्मा सोल इस बात को जिन लोगों ने कॉमेट समझा था वह सही साबित हो गए यहां है वह आत्मा जिसे परमात्मा के पास भेजा जा रहा है लोकतंत्र की आत्मा आलोचना को परमात्मा के पास भेजने के लिए एकनाथ शिंदे की शिवसेना के योग्य समर्थक लाठी लेकर डंडे लेकर पीछा कर रहे हैं कुणाल कामरा से यही एक गलती हो गई उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर विश्वास कर लिया कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है तो यह हाल है आपके देश का हमारे देश का के कॉमेडी करने पर लोकतंत्र की आत्मा आलोचना को परमात्मा के पास पहुंचाया जा रहा है जिस परमात्मा ने खुद प्रधानमंत्री को भेजा है यह प्रधानमंत्री ने कहा है अब यह कॉमेडी नहीं है तो क्या है जिन जिन लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी की बात पर यकीन किया था कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है उन्हें यह समझना चाहिए कि आलोचना लोकतंत्र की भटकती हुई आत्मा है अगर कहीं मिल गई तो उसका सर फोड़ दिया जाएगा अगर बैठी मिल गई तो कुर्सी तोड़ दी जाएगी मुंबई शहर की इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने अभी तक कुछ नहीं कहा।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: कितना है ज्यादा, कितना है कम?
अपने नए शो नया भारत में कुणाल कामरा ने से लेकर आनंद महिंद्रा पर व्यंग किया है लेकिन इसके बाद भी कुणाल कामरा प्रधानमंत्री मोदी का लेवल मैच नहीं कर पाए ठीक है कि 2019 के चुनाव से पहले कुणाल कामरा ने सवाल किया था कि अंबानी को पीएम क्यों नहीं बनाया जा सकता सीधा उन्हीं को वोट क्यों नहीं दे सकते और यह तस्वीर बहुत क्रांतिकारी है लेकिन इस पर पीएम मोदी ने बुरा नहीं माना और ना ही अंबानी ने खुश होकर कामरा को जंगल गिफ्ट कर दिया 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने अंबानी और अदानी को लेकर जो कॉमेडी की थी उससे लगा ही नहीं कि इन दोनों के पास प्राइवेट प्लेन भी है टेंपो से चलते हैं और टेंपो से काला धन डिलीवर करते हैं जरा य शहजाद घोषित करें कि चुनाव में ये अंबानी अडाणी से कितना माल उठाया है काले धन के कितने बोरे भर कर के रुपए मारे हैं क्या टेंपो भर कर के नोटे कांग्रेस के लिए पहुंची है क्या क्या सौदा हुआ है आपने रातो रात अब अंबानी अदानी इनको गाली देना बंद कर दिया जरूर दाल में कुछ काला है पा साल तक अंबानी अदानी को गाली दी और रातों रात गालियां बंद हो गई मतलब कोई न कोई चोरी का माल टेंपो भर भर करके आपने पाया है आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीबीआई ईडी पुलिस उस टेंपो को खोज नहीं पाई तो हैबिटेट थिएटर में किसने हमला किया पुलिस को खोजने का नाटक ना करना पड़े इसलिए हिंसा करने वाले खुद ही सामने आकर बयान देने लग गए हमने किया है। वैसे मुंबई पुलिस ने शिवसेना के युवा नेता राहुल कनाल और 19 अन्यों के खिलाफ भी तोड़फोड़ के मामले में एफआईआर दर्ज की है पुलिस ने राहुल कनाल को पूछताछ के लिए बुलाया है देखते हैं।
सरकार, न्यायपालिका और स्टैंड-अप कॉमेडी: टकराव या संतुलन?
कि पुलिस क्या सख्त कार्रवाई करती है यह पुलिस का भी इम्तिहान है सोचिए मुंबई के कॉरपोरेट हाउस की कितनी बेइज्जती हो गई कि जिनके पास टेंपो की तरह दर्जनों मर्सडीज हैं उसके मालिकों के बारे में पीएम ने कह दिया टेंपो से काला धन पहुंचा रहे हैं इससे बड़ी कॉमेडी क्या हो सकती है लेकिन अंबानी एंड अदानी दोनों ने इस बात का बुरा नहीं माना यह बात मैं किस गारंटी पर कह रहा हूं मुझे भी पता नहीं लेकिन अभी के लिए कहने के लिए मान लेता हूं कि अंबानी और अदानी कॉमेडी को बुरा नहीं मानते हैं अगर माना होता तो उनके हजारों कर्मचारी आज ऑफिस से छुट्टी लेकर कुणाल कामरा के पीछे डंडा लेकर घूम रहे होते दौड़ रहे होते अब एक और चीज थी जिसकी जिस इवेंट का हम सब पार्ट थे नॉन कंसेंसुअली च वाज अंबानी के बेटे की शादी अंबानी ने पहले हमें दिया डाटा फिर बोला देख मेरा बेटा और मतलब अंबानी सटल है ही नहीं है भाई वो मतलब बेटे को जंगल गिफ्ट कर दिया अंबानी के बेटे की शादी के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी वंता गए कितने ही मीम बन गए और वंता को लेकर लेख छपे नियमों का हवाला दिया गया कि उल्लंघन हुआ है दोनों ने बुरा नहीं माना क्योंकि कुछ हुआ नहीं हो भी नहीं सकता जब फर्क नहीं पड़ता तो बुरा क्यों मानेंगे अमेरिका में अदानी के खिलाफ केस हो गया मीडिया में छपा अदानी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया भारत सरकार ने अमेरिका से भेजा गया समन गुजरात हाई कोर्ट को भेजा है कि इसे अदानी तक पहुंचा दे इतना कुछ हुआ लेकिन कोई बुरा नहीं माना जब फर्क नहीं पड़ता तो बुरा मानकर टाइम क्यों खराब करना बेटा ऐसा है कि वह देख ही नहीं रहा है सिलिटी नहीं उसमें बेटा जर्नलिस्ट को बुला रहा है आओ आओ इधर आओ मेरा जंगल देखो यह देखो मेरे हाथी भगवान से नहीं मीम से तो डर ठीक है भाई भगवान है तुम्हारे साथ जनता मीम तो बनाएगी ना कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस तरह से कामरा ने कॉरपोरेट पर कॉमेडी की है उन्हें खुश करने के लिए राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और नेता कुछ ज्यादा भक्ति और शक्ति दिखा रहे हैं सवाल तो है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना के समर्थकों को क्यों बुरा लग गया तब तो एकनाथ शिंदे ने बुरा नहीं माना जब उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया चुनाव जीतने के बाद उनके डिप्टी सीएम को सीएम बना दिया गया और एकनाथ शिंदे को सीएम से डिप्टी सीएम बना दिया गया अपनी आंखों से देखिए।
सोशल मीडिया ट्रोलिंग बनाम वैध आलोचना
इस पुरानी हेडलाइन को जो एकनाथ शिंदे इस बात के लिए बीजेपी को फ्री कर सकते हैं कि उनकी कुर्सी पर बीजेपी किसी को भी बिठा दे उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दे उस महान लोकतांत्रिक उदारवादी एकनाथ शिंदे के समर्थकों को यह बात बुरी लग गई कि कुणाल कामरा ने अपनी कॉमेडी में गद्दार कह दिया 2023 की बात है अजीत पंवार एनसीपी से अलग हुए तो एनसीपी की छात्र इकाई ने दफ्तर के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगा दिए जिन पर गद्दार लिखा था इन पोस्टरों में फिल्म बाहुबली के किरदार दिखाए गए जिनमें कटप्पा बाहुबली की पीठ में छुरा घूप रहा होता है इसी तरह विधानसभा चुनाव के बाद जनवरी 2025 में बालासाहेब ठाकरे की जयंती के दिन उद्धव ठाकरे ने अंधेरी में एक रैली में कह दिया गद्दार कितना भी चाकू मारे तो भी मैं मरूंगा नहीं गद्दारों को दफना कर ही दम लूंगा राजनीति की बात का जवाब राजनीति से ही दिया जाता है लाठी डंडे से नहीं मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हुआ क्या है देश बदल गया है या कॉमेडी बदल गई है कहीं ऐसा तो नहीं कि डिप्टी सीएम बनाए जाने का यह गुस्सा कुणाल कामरा पर निकाला जा रहा है यह भी नहीं समझ में आ रहा है कि रिया चक्रवर्ती को अपराधी बताने के लिए जिस गोदी मीडिया के एंकर ने झूठ बोला उस गोदी मीडिया में कुणाल कामरा को लेकर बहस हो रही है सीबीआई ने ही जांच करने के बाद केस बंद कर दिया कि रिया चक्रवर्ती पर लगे आरोपों के पक्ष में कोई सबूत ही नहीं है इतने झूठे गोदी मीडिया पर इस बात को लेकर बहस हो रही है कि कुणाल कामरा ने किसी का अपमान कर दिया अभिव्यक्ति के अधिकार का इस्तेमाल कर जिन एंकर ने रिया चक्रवर्ती की अभिव्यक्ति का गला घोट दिया वो अब अभिव्यक्ति के अधिकार की सीमाएं बता रहे हैं यह कॉमेडी नहीं तो क्या है किसी ने गोदी एंकर से नहीं पूछा कि आपने महीनों हफ्तों झूठा प्रपंच रचा कितना बड़ा मामला था एक अभिनेत्री को झूठ के आधार पर बदनाम किया गया सैकड़ों कैमरे उसके आसपास लगा दिए गए स्टूडियो और बाहर इसके एंकर उसका पीछा करने लगे कि रिया ने ही सुशांत को ड्रग्स दिया है सुशांत को धोखा दिया है उनके पैसे लिए हैं और काला जादू कर दिया है मीडिया फाउंडेशन के बीजी वर्गीज लेक्चर सीरीज में पूर्व जस्टिस मुरलीधर ने सारे चैनलों से एक सवाल पूछा है कॉमेडी को बर्दाश्त करना इतना मुश्किल क्यों हो रहा है द नेशन वांटस टू नो वई इन द टाइम्स नाउ इन आवर रिपब्लिक इन इंडिया टुडे इट इ सो हार्ड टू टॉलरेट हेल्दी सेंस ऑफ ह्यूमर द एबिलिटी टू लाफ एट वनसेल्फ और टेक अ डिग ट द गवर्मेंट रिया चक्रवर्ती को इस तरह अपमानित किया गया झूठ बोलने वाले गोदी मीडिया के किसी एंकर के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ किसी ने माफी तक नहीं मांगी लेकिन वही गोदी मीडिया कुणाल कामरा के खिलाफ एक्शन लिए जाने के अभियान में कूद पड़ा है
क्या भारतीय लोकतंत्र में व्यंग्य की जगह सिमट रही है?
इस पर बहस कर रहा है धमकी देने वालों तोड़फोड़ करने वालों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से कोई सवाल नहीं किसी की आस्था आहत नहीं हो रही प्रधानमंत्री मोदी की भी नहीं और उनके सूचना मंत्री की भी नहीं कि रिया चक्रवर्ती के साथ इस गोदी मीडिया ने यह हाल किया और उसके एंकर को बिठाकर मैं इंटरव्यू देता हूं आइए उन धमकियों का विस्तार से अध्ययन करते हैं ताकि लोकतंत्र की आत्मा यानी आलोचना जब भी हमारा वीडियो देख ले उसे पता चल जाए कि किस तरह की धमकियां भविष्य में मिल सकती हैं ठाणे से शिवसेना सांसद और ठाणे के मेयर रह चुके नरेश गणपत मस्के ने कहा है कि कुणाल कामरा आपको ना अभी महाराष्ट्र में नहीं हिंदुस्तान में भी घूमने नहीं देंगे आप पैसा लेकर उबा और संजय राउत से पैसा लेकर एकनाथ शिंदे पर टका टिप्पणी कर रहे हो ना हम हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख माननीय बाला साहब ठाकरे के शिवसैनिक हैं आपके पीछे लगेंगे ना तो भारत छोड़कर आपको भागना पड़ेगा इतना याद रखो शिवसेना विधायक मुर्जी पटेल ने एफआईआर दर्ज कराने के बाद मीडिया से कहा दो दिन में एकनाथ शिंदे से माफी मांगे अगर नहीं मांगी तो मुंबई के शिवसैनिक उसको रास्ते में घूमने नहीं देंगे जहां भी दिखेगा उसके मुंह पर काला पोतने की कोशिश करेंगे बताइए कोई क्या करे भारत से ही भगा रहे हैं कुणाल को और वहां भारत से भाग कर गए लोगों को ट्रंप हाथ में हथकड़ियां और पांव में बेड़ी पहनाकर भारत भगा रहे हैं और यहां एकनाथ शिंदे के समर्थक उनकी पार्टी के नेता कुणाल कामरा को भारत से भगा रहे हैं यह नया भारत है एक तरफ ट्रंप बेड़ियां एंड हथकड़ियां लेकर खड़े हैं और दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे के समर्थक खड़े हैं लाठी डंडा लेकर कुणाल कामरा कहां से भागे कहां को भागे कुणाल कामरा को सबसे पहले हरे पांड्या के परिवार से सुनीता विलियम्स का नंबर लेना चाहिए मस के रॉकेट पर बैठकर सीधा अंतरिक्ष में भाग जाना चाहिए कहां नहीं है भारतीय अफ्रीका में गुजराती बस उन लोगों ने भी कुणाल कामरा को कॉमेडी के लिए बुलाया है और अपने लोग कुणाल कामरा को भारत से भगाने में लगे हैं बोल रहे हिंदू फोबिया यहां पे मतलब हल्दीराम के अंदर आप घुस के मतलब चिल्लाने लगोगे कि भुजिया फोबिया है यहां पर जो भी लोग आए ना भुजिया के खिलाफ है यह लोग जॉज सोरोज से पैसा लेके यह लोग भुजिया की प्रथा को खत्म करना चाहते हैं दे वांट भुजिया टू बी अ पास्ट कोई लॉजिक है य बात का हो रही है फर हर देश में आपको इंडियन मिलेगा और इस देश में हर इंडियन एक ही चीज बोल रहा है हिंदुओं का तो एक ही देश है बेटा हम का जाए सब जगह तो गए आप कोई जगह छोड़ी है आपने मुझे अफ्रीका से कोई फोन कर रहा है कि शो करना है मैं बोल रहा हूं किसके लिए मैं हिंदी में शो करता हूं अफ्रीका वाले सीख रहे हैं क्या मान लिया उन्होंने कि इनके पूर्वज सनातन है बो नहीं नहीं सर उधर हमारी इंडियन कम्युनिटी है सर हिंदी स्पीकिंग कौन सी कम्युनिटी है क्या कर रही है वहां गुजराती इन अफ्रिका ओहो हजारों में फिर ग के गुजराती इन इंडियन [संगीत] आर्मी अगर इनके 350 सीट आते यह दूसरा वाला ग में करता ही नहीं है इस वीडियो को ध्यान से देखिए चार बार देखिए बार देखिए कैसे अभिव्यक्ति को टारगेट करने के लिए हर दिन एक-एक कदम कर आगे बढ़ाए जा रहे हैं एक दिन कहीं ऐसा ना हो जाए कि घर में भी बोलना मुश्किल हो जाए कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर कर दी गई है 23 मार्च की रात 11:30 बजे शिवसेना नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर दिया कि कल करेंगे कुणाल कामरा की धुलाई 11:00 बजे इस पर फिल्म निर्देशक और पत्रकार विनोद कापड़ी ने लिखा कि क्या यह सही में आपकी ट्वीट है तो जवाब में संजय निरूपम कहते हैं तुम तो ऐसे एटीट्यूड में पूछ रहे हो जैसे पुलिस कमिश्नर हो जब किसी अन्य व्यक्ति ने संजय निरूपम से कहा कि आपकी भाषा गुंडों वाली है तो संजय निरूपम कहते हैं छिछोरे लोगों से ऐसी ही भाषा में बात करनी चाहिए कुणाल कामरा की सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर है मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़न विस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर है उन्हें तुरंत कुणाल की सुरक्षा को लेकर कदम उठाने चाहिए लेकिन उन्हीं की पार्टी के नेता इस तरह की धमकी दे रहे हैं तो कारवाही कौन करेगा और उस पर विश्वास कौन करेगा हर बात में ट्रंप ट्रंप ट्रंप करना ठीक नहीं है ट्रंप अकेले क्या-क्या करेंगे मुख्यमंत्री फड़न विस का ऐसा बयान तो नहीं आया कि कानूनी कार्यवाही होगी जो भी हिंसा करेगा और जो भी धमकी की भाषा देगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी बल्कि मुख्यमंत्री फरस ने कहा है कि स्टैंड अप कॉमेडी करने की आजादी है लेकिन वह जो चाहे बोल नहीं सकते महाराष्ट्र की जनता तय कर चुकी है कि गद्दार कौन है कुणाल कामरा को माफी मांगनी चाहिए इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा खुद मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जनता तय कर चुकी है कि दार कौन है तो क्या इससे किसी की भावना आहत नहीं होती है मुख्यमंत्री फड़न विस कह रहे हैं कि संविधान बोलने की आजादी देता है लेकिन कुछ सीमाएं भी हैं मगर यह बताइए क्या संविधा थिएटर में घुसकर तोड़फोड़ करने की आजादी देता है मुख्यमंत्री फड़न विस भी गद्दार बोल रहे हैं और शिवसेना उबा के उद्धव ठाकरे भी गद्दार बोल रहे हैं कुणाल कामरा ने मुझे नहीं लगता कुछ गलत कहा है गद्दारों को गद्दार करना यह किसी पर हमला करने की बात नहीं है जो गद्दार है वो छोड़ नहीं नहीं वो पूरा गाना आप सुन लो चाहिए तो आपके पास होगा तो बजा कर दिखाओ उसी गाने का जो अर्थ है वही तो है नहीं इस हमले से शिवसेना का कोई संबंध नहीं यह गद्दार सेना ने किया है इसका कोई शिवसेना से लेना देना नहीं है जिसके खून में गद्दारी है वो शिवसैनिक हो ही नहीं सकता शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा है कि जो शिवसेना का ट्रीटमेंट है वह कुणाल कामरा को मिलेगा क्या यह अभिव्यक्ति की कुछ सीमाओं में नहीं आता कि आप विरोध कर सकते हैं लेकिन तोड़फोड़ नहीं कर सकते।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर न्यायिक दृष्टिकोण
किसी को धमकी नहीं दे सकते हैं वैसे अब लोग ग्रॉक से पूछने लग गए हैं महाराष्ट्र में गद्दार नेता कौन है अब ग्रॉक एकनाथ शिंदे का नाम लिख रहा है तो क्या एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ता नेता टेस्ला नहीं खरीदेंगे मुंबई में ही टेस्ला का दफ्तर है क्या मस को धमकी दे सकते हैं याद रखिए ट्रंप राष्ट्रपति हैं ग्रॉक ने तो प्रधानमंत्री मोदी के झूठ को भी गिना दिया कुछ नहीं कर पाए तो अब अपनी हताशा कुणाल कामरा पर क्यों निकाल रहे हैं एफआईआर में कुणाल कामरा के अलावा राहुल गांधी का भी नाम है शिवसेना शिंदे के सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कनाल ने संजय राहुत राहुल गांधी और आदित्य ठाकरे को सह आरोपी बनाया है जिसका मैंने उसका नाम एफआईआर में लिखवा दे रहे हैं राहुल गांधी ने कॉमेडी लिखी थी क्या क्या यह राजनीति नहीं है एफआईआर में लिखा है स्वघोषित कॉमेडियन कुणाल कामरा सहित इन तीन लोगों ने मिलकर सोची समझी आपराधिक साजिश और पैसा देकर चलाए गए कैंपेन के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की साख और छवि को चोट पहुंचाने की कोशिश की है कुणाल कामरा ने जो कृत्य किया है जिस तरह से लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है अब शब्द इस्तेमाल किए हैं और एक ना शिंदे की मान हानि की है जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है उनके तहत 3 साल तक सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है आपको याद है सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस को फटकार लगाई थी कि पुलिस को भारत के संविधान के लागू होने के 75 साल बाद भी अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब समझ नहीं आया कांग्रेस सांसद इमरान प्रताप गढ़ी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक कविता पोस्ट कर दी तो गुजरात के जामनगर की पुलिस ने उन पर नफरत फैलाने और राष्ट्रीय एकता को खतरा पहुंचाने के आरोप में केस कर दिया इमरान प्रतापगढ़ी गुजरात हाई कोर्ट गए कोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से इंकार कर दिया तो सुप्रीम कोर्ट गए केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओ का और जस्टिस उज्जल भुजन की बेंच ने कहा कि भारत के संविधान के लागू होने के 75 साल बाद तो पुलिस को अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब समझना चाहिए कविता पर टिप्पणी करते हुए बेंच ने कहा कि कविता अहिंसा के बारे में है इसमें कोई भी धार्मिक या देश विरोधी बात नहीं है पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता की कमी दिखाई है कोर्ट का आदेश है इसके बाद भी कविता कहानी कॉमेडी पर एफआईआर हो रही है पुलिस अपना और अदालत का वक्त बर्बाद कर रही है
मीडिया का कहर
गोदी मीडिया से पूछना चाहिए कि कितने एंकर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहस की क्या इस बहस में पुलिस के बेलगाम होने का सवाल नहीं आता केवल अभिव्यक्ति की ही कुछ सीमाएं हैं पुलिस की कुछ भी सीमाएं नहीं है कुणाल कामरा की यह कॉमेडी आप सबको देखनी चाहिए आप उनके का जीवन बर्बाद करने के लिए प्रोपेगेंडा करेगा तो कॉमेडियन को ही अपनी कॉमेडी में पत्रकारिता करनी पड़ेगी कुणाल कामरा ने टेक्नोलॉजी और आविष्कार के मामले में भारत के उद्योगों के पिछड़ जाने पर भी तंज किया है इसमें गलत क्या है क्या सभी सच्चाई को नहीं जानते चाइना की प्रॉब्लम है बहुत टेक हो रहा है वहां पे हां अभी चाइना ने एआई प बनाया डीप सी जिसने 10 पर स्टॉक्स गिरा दिए बड़ी-बड़ी कंपनियों का तो हमारे पास एस्ट्रो टॉक्स को छोड़ के और कोई इनोवेशन था नहीं तो उधर क्या लिख रहे हैं भक्त लिख रहे हैं फॉर योर इंफॉर्मेशन चाइना हैज ओनली वन पार्टी सिस्टम एंड नो अपोजिशन राइट प्राइवेट कंपनी को अपोजिशन रोक रहा है लुक एट ओला गाय फर एग्जांपल मैं ऐसा क्या ही बोल रहा था कि भड़क गया वो सिंपल है भाई तू टू व्हीलर बनाता है उसके दोनों व्हील नहीं चल रहे वो बोल रहा है आजा इधर कर ले मेरे साथ काम साथ में इंडिया बनाएंगे पहले ये बिजनेसमैन का क्या फेटिश है इंडिया बनाने का एक ढंग की बाइक नहीं बन रही यह इंडिया बनाएगा अभी कुछ रखो यार थोड़ा लिमिट में अपने एस्पिरेशन को फिर अभी उसने बाइक के नए कलर लॉन्च किए क्या पता अलग कलर में चल जाए आज का भारत जिसे नया भारत कहा जा रहा है कुणाल कामरा ने अपनी कॉमेडी में उस नए भारत के दावों में कितनी दरा रहे हैं दिखा दिया एक परिपक्व और आत्मनिर्भर समाज को आत्मनिर्भर देश को इन बातों को सुनने का साहस रखना चाहिए अपमान और सम्मान की नौटंकी से बाहर आना चाहिए लोगों के पास खाने खरीदने के पैसे नहीं अस्पतालों की हालत जाकर देखिए मशीन है तो डॉक्टर नहीं डॉक्टर है तो मशीन नहीं सब है तो जेब में पैसा नहीं तब किसी नागरिक का अपमान नहीं होता उसकी गरिमा खत्म नहीं होती देखिए कुणाल कामरा के वीडियो पर जाकर लाल हरे पीले रंग में जो आप देख रहे हैं यह हर दूसरे कमेंट में लोग कुणाल कामरा को पैसे दे रहे हैं यानी वे ना सिर्फ मनोवैज्ञानिक रूप से कुणाल कामरा के साथ है बल्कि आर्थिक रूप से भी हैं यह पैसा नहीं है बल्कि वह आत्मा है जिससे लोकतंत्र धड़कता है जो बोलने वालों के साथ हमेशा खड़ी रहती है अच्छी बात है कि कुणाल कामरा की कॉमेडी सुनने के लिए लोग गए लोग जा रहे हैं
नया भारत: सहिष्णुता, आलोचना और लोकतांत्रिक मूल्यों का भविष्य
नए भारत की हालत पर रोने के साथ-साथ थोड़ा हंस भी लेते हैं और तमाम हमलोग के बाद भी अपनी जेब से पैसे निकालकर सामने आते हैं और खड़े रहते हैं ऑडियंस भी थोड़ी रिस्पांसिबिलिटी ले एक बार सब लोग हाथ ऊपर करके बोल दो आई कंसेंट टू कॉमेडी वन टू ईम बढ़िया यह बहुत बड़ी बात है कुणाल कामरा जनता से कह रहे हैं कि वे अभिव्यक्ति के खतरे तो उठा रहे हैं अकेले उठा रहे हैं थोड़ी जवाबदेही सुनने वालों की भी होनी चाहिए कब तक आप भागेंगे जवाबदेही से शरद पवार की सीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता कुणाल कामरा के समर्थन में आ गए हैं लेकिन वे राज्य का हिस्सा नहीं है राज्य की जिम्मेदारी फड़न विस और शिंदे पर है सुरक्षा के कदम उन्हीं को उठाने होंगे शिवसेना उबा की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ट्वीट कर कुणाल कामरा से कहती हैं कि बहादुरी से खड़े रहो जिस आदमी और जिस गैंग को तुमने एक्सपोज किया है वह तुम्हारे पीछे आएंगे तुम्हारे बोलने की अभिव्यक्तिकि मैं तुम्हारे विचारों को व्यक्त करने के अधिकार का मरते दम तक बचाव करूंगी संजय राउत ने भी उनके पक्ष में ने ट्वीट किया है एनसीपी की प्रवक्ता अनीश गवांडे ने ट्वीट किया है कि कॉमेडी स्टूडियो तोड़ना कब खोदना दंगे कराना यही है क्या न्यू महाराष्ट्र का विजन जो लोग जॉब्स क्रिएट नहीं कर सकते वह अब दूसरों की रोजी रोटी छीनने में लगे हैं यही बनाएंगे एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी ड्रामा नहीं डायरेक्शन चाहिए फोकस कीजिए असली इश्यूज पर एंप्लॉयमेंट एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट पर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री रामदास कदम ने कहा है कि संविधान में अधिकार फ्रीडम ऑफ स्पीच का है विधान में अधिकार संवैधानिक पोस्ट पर जो बैठे हुए हैं उनका अपमान करने का नहीं है यह कहां लिखा है यह अजीब तर्क है अगर शिंदे संवैधानिक पोस्ट पर नहीं होते तो अपमान नहीं होता क्या यह अपमान इसलिए है क्योंकि वे संवैधानिक पद पर बैठे हैं तो संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के सम्मान और अपमान की लंबी सूची अब तैयार कर देनी चाहिए ताकि लोग नेताओं पर कार्टून बनाना बंद कर दें खुद राजनीतिक दल अपने विरोधियों पर कार्टून बनाना बंद कर दें जब यही नेता अपने विरोधी को लेकर हर बोल जाते हैं तब अभिव्यक्ति की कुछ सीमाओं की याद नहीं रहती कितने कार्टून बनते हैं कितने गीत बनाए जाते हैं जिसमें विरोधी दल के नेताओं का मजाक उड़ाया जाता है यह जोक जो समझा वह गुस्सा नहीं हो सकता और जो गुस्सा हो सकता है वो एफआईआर नहीं कर सकता नया भारत है ये कब य चैनल करवा दिया जाए कबाब गायब कर दिए जाए कोई नहीं जानता आपकी समस्याएं आपके भीतर दफन होती जा रही हैं और कब्र से औरंगजेब को खोद कर निकाला जा रहा है आपको पता है कि देश में कैसी कॉमेडी चल रही है जज के कैंपस से नोट जलते हुए मिल जाते हैं और गरीब के घर में पकाने के लिए अनाज नहीं मिलते लोग थाली बजा सकते हैं मगर बोल नहीं सकते उन पर चुप्पी थोप दी गई है डर थोप दिया गया है खबरें होती नहीं सूचनाओं के बगैर आप बोलेंगे भी क्या और बोलेंगे तो एफआईआर से लेकर तोड़फोड़ का सामना करना होगा कुणाल कामरा ने आपकी चुप्पी के बदले बोल दिया कॉमेडी पर तरह-तरह से हमला हो रहा है इन्हें पता है कि कॉमेडियन ही आखिरी पत्रकार और संपादक बच गए हैं जो इस समय के सच को बोल दे रहे हैं जिन नेताओं ने देश की हर संस्था को कॉमेडी के लायक बना दिया वह अब कॉमेडियन को सिखा रहे हैं कितनी कॉमेडी करनी है और कैसी कॉमेडी करनी है कुणाल कामरा के लिए नहीं बनाया प्रधानमंत्री मोदी के लिए बनाया जिन्होंने कहा कि आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है इसके जरिए हमने आपको यही बताया कि पहले लोकतंत्र के शरीर को क्षत विषत कर दिया गया खंडित कर दिया गया दिमाग पर हमला हुआ अब आत्मा की भी बारी आ गई है।